जबलपुर । हाई कोर्ट ने श्रीजी कंस्ट्रक्शन पर सीबीआइ छापे के मामले में मुख्य आरोपित ज्ञानेंद्र सिंह की अग्रिम व अन्य आरोपितों की जमानत अर्जियों पर बहस पूरी होने के साथ ही आदेश सुरक्षित कर दिया। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने जमानत अर्जियों का विरोध किया। जबकि आवेदकों का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह, अनिल खरे व अजय गुप्ता ने रखा।
सीबीआई के अधिवक्ता ने यह दी दलील
सीबीआइ के अधिवक्ता दुबे ने दलील दी कि यह मामला भ्रष्टाचार से संबंधित है। शिकायत मिलने पर सीबीआइ टीम ने दबिश दी थी। प्रकरण कटनी बायपास फोरलेन रोड निर्माण से संबंधित है, जिसके साथ रेलवे पुल का निर्माण ठेका भी श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है। इसी सिलसिले में एनएसएआइ व रेलवे अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गुणवत्ता से समझौता करते हुए लेन-देन की शिकायतें सामने आईं। जिसके बाद श्रीजी कंस्ट्रक्शन के जबलपुर, कटनी व भोपाल के दफ्तरों में छापे मारे गए। साथ ही दस्तावेज जब्त कर अपराध कायम किया गया। श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी का प्रमुख ज्ञानेंद्र सिंह, फिलहाल फरार है। उसकी ओर से अग्रिम जमानत अर्जी दायर की गई है। जबकि छह गिरफ्तार हो चुके आरोपितों की ओर से जमानत अर्जियां दायर की गई हैं।
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