भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश भाजपा में घमासान जोरों पर है। रतलाम जिले में तो बगावत खुलकर सामने आ गयी है। पार्टी में विरोध इतना बढ़ गया है कि अब यहां तो खुलकर इस्तीफे दिए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत आलोट से हुई थी जो अब ग्रामीण इलाकों में भी फैल गयी है। चुनावी साल में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की ये बगावत भाजपा पर भारी पड़ सकती है। रतलाम जिले के आलोट के बाद अब रतलाम ग्रामीण में भी पदाधिकारियों ने थोकबंद इस्तीफे दे दिए हैं। विभिन्न प्रकोष्ठ के 40 से ज्यादा पदाधिकारियों ने अपने पद छोड़ दिए हैं। पद छोडऩे वाले सारे पदाधिकारी जिलाध्यक्ष राजेंद्र लुनेरा से नाराज हैं। पार्टी में इस बगावत के बाद हड़कंप है। नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
मध्य प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल जी जान से तैयारी में लगे हैं। लेकिन भाजपा में असंतोष और गुटबाजी इस बार ज्यादा देखने मिल रही है। कुछ जिले ऐसे हैं जहां पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बगावत अभी से शुरू हो गयी है। रतलाम जिला भाजपा में भी ऐसा ही कुछ नजऱ आ रहा है। जिला भाजपा में इन दिनों महाभारत जारी है। थोकबंद कार्यकर्ता अपने पदों से इस्तीफे दे रहे हैं। आखिर कौन है इस महाभारत का सूत्रधार और क्यों कर रहे हैं पार्टी पदाधिकारी बगावत, क्यों लगी है इस्तीफों की झड़ी ये जानना जरूरी है।
रतलाम जिला भाजपा से इन दिनों ऑल इज वेल गायब है। पार्टी पदाधिकारी लगातार जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा की कार्यप्रणाली से नाराज होकर इस्तीफा दे रहे हैं। पहले आलोट के दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों ने अपना पद त्याग दिया। अब रतलाम ग्रामीण के धराड़ मंड़ल के 40 से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों ने पदों से इस्तीफा दे दिया। आलोट में भाजपा के नेता पुलिस वसूली के विरोध में थाने में धरने पर बैठे थे। भाजपा जिला अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस थमा दिया। उसके बाद आलोट में भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने पद छोड़ दिया। धराड़ मंडल अध्यक्ष को बिना कारण बताए पद से हटा दिया।जिसके विरोध में 40 से ज्यादा धराड़ मंडल के पदाधिकारियों ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया।
इस मामले में भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय का कहना है कार्यकाल पूरा होने पर धराड़ मंडल अध्यक्ष को पद से हटाकर जिला कार्यकारिणी में ले लिया गया है। पार्टी में सब ठीक है और सभी कार्यकर्ता भाजपा का ही काम करेंगे।
इस मामले में कांग्रेस भी चुटकी लेने में पीछे नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता सुजीत उपाध्याय का मानना है चुनाव तक अधिकांश भाजपा कार्यकर्ता इस्तीफे देकर कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। आलोट और रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की नाराजगी और पदाधिकारियों के इस्तीफों की झड़ी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में मुश्किलें पैदा कर सकती है। अब देखना यह है कि भाजपा इस चुनौती से कैसे पार पाती है।
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