Tarek Fatah Statements: पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतेह ने 73 साल की उम्र में आज दुनिया को अलविदा कह दिया. वह लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे. तारिक कहा करते थे कि मैं पाकिस्तान में जन्मा भारतीय हूं. उनकी बेटी ने ट्वीट कर कहा है कि वह भारत के बेटे थे. हमेशा कट्टरता के खिलाफ मुखर रहने वाले तारिक इस्लामिक परंपरा, हिजाब, एक से ज्यादा शादियां और तीन तलाक के खिलाफ बयान देकर खूब चर्चा में रहे. एक बार तो कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर उनका सिर कलम करने वाले को 10 लाख रुपए देने तक का ऐलान कर दिया था.
तारिक फतेह को सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता कहा जाता था. 20 नवंबर 1949 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे तारिक फतह को पाकिस्तान के ही सबसे मुखर आलोचकों में से एक माना जाता था. दो बार अपने बयानों की वजह से तारिक को पाकिस्तान की जेल में कैद किया गया. 1977 में उनपर देशद्रोह का आरोप लगा और पाकिस्तान में उनको पत्रकारिता करने से भी रोक दिया गया. हालांकि दस साल बाद 1987 में वह पाकिस्तान को छोड़कर कनाडा में बस गए और वहीं से वह फिर पत्रकारिता में सक्रिय हो गए.
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तारिक फतेह के वह बयान, जिन्होंने खूब बटौरी सुर्खियां-
भारत पर-
फ्राइडे टाइम्स ने एक इंटरव्यू में जब तारिक फतेह से पूछा गया कि क्या मुसलमानों के साथ भारत में भेदभाव होता है? तो उन्होंने कहा कि मैं इसका खंडन नहीं करूंगा, लेकिन तथाकथित भेदभाव के बावजूद में यहीं रहना चाहता हूं, क्योंकि यहां मुझे अपनी बात रखने का अधिकार है. पाकिस्तान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उन देशों में रहने से फायदा क्या, जहां इस्लाम के नाम पर औरतों को निशाना बनाया जाता है?
पाकिस्तान पर-
तारिक फतह साल 2013 में पहली बार भारत आए. यहां उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को एक इंटरव्यू दिया. जिसकी खूब चर्चा हुई. इस इंटरव्यू में उन्होंने अपने ही देश को आड़े हाथों लिया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आप भूल जाइए. वह एक दिन टूटेगा और वह दिन दूर नहीं जब बलूचिस्तान उससे अलग होगा. पाकिस्तानी सेना को लेकर तारिक ने कहा कि वह एक औद्योगिक माफिया है, जिसका अनाज, ट्रकों और हथियार-मिसाइलों से लेकर देश के बैंकों तक पर कंट्रोल है.
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— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) April 24, 2023
अमेरिका पर-
तारिक को उनके बयानों की वजह से घोर दक्षिणपंथी कहा जाता था. वह अमेरिका की नीतियों का भी विरोध करते रहे. तारिक कहते थे कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश होने के वावजूद अमेरिका ने हमेशा तानाशाहों का समर्थन किया. उनका इशारा सऊदी अरब, मिस्र और पाकिस्तान की ओर था.
नूपुर शर्मा विवाद पर-
भारत में नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर पर दिए गए बयान के बाद तारिक फतेह उनके बचाव में उतर गए थे. उन्होंने कहा था कि नूपुर के बयान से भारत में प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है. वह देश भी भारत को लोकतंत्र पर लेक्चर दे रहे हैं, जिनके यहां वोट तक नहीं डाले जाते. कई मुस्लिम देशों में तो मंदिर तक बनाना बड़ी चुनौती है. पाकिसतान में तो मंदिर तोड़े जा रहे हैं.
बुर्का-हिजाब पर-
तारिक फतेह मुस्लिम थे, लेकिन हमेशा बुर्का और हिजाब के खिलाफ बोलते रहे और लिखते रहे. बुर्के और हिजाब को लेकर चल रही बहस के बीच एक बार उन्होंने ट्विटर पर में लिखा, ”अपनी आत्मा को मुसलमान बनाओ, देश को नहीं. अपने सिर पर नहीं, अपने अहंकार पर हिजाब लगाओ. अपने अच्छे कर्मों को बुर्के में ढकें, अपने चेहरे को नहीं.” साल 2015 में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि हिजाब और नकाब का मुस्लिम होने से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक राजनीतिक झंडा है.
#RIPTarekFateh : जब तारिक फतेह ने Waqar Bhatti को दिखाया था आईना, पूछा कत्ल करना क्या इस्लाम में है, Islam के नाम पर अपनी बेटियों को बेचते हो तुम लोग ! , देखें ये वीडियो#tarekfatah pic.twitter.com/FefjS7x4K8
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मेरे पूर्वज हिंदू थे-
तारिख फतेह ने अपने ब्लॉग पर मुस्लिम कट्टरपंथियों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने लिखा, ”मैं एक मुसलमान के रूप में लिखता हूं, जिसके पूर्वज हिंदू थे. मेरा धर्म इस्लाम और यहूदी धर्म में निहित है, जबकि मेरी पंजाबी संस्कृति सिखों से जुड़ी हुई है.”