एनसीईआरटी ने 12वीं क्लास के विषय इतिहास के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है, जिसको लेकर पूरे देश में विवाद शुरू हो गया है. इल बदवाव में कई नए चैप्टर शामिल किए गए हैं तो कई हटा दिए गए हैं. इसी कड़ी में मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ अध्यायों को भी हटाया गया है, जिस पर बहस छिड़ी हुई है. इसी बीच असम से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक रूपज्योति कुर्मी ने मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से ताजमहल को गिराने का अनुरोध करके नई बहस छेड़ दी है. दरअसल बीजेपी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने ताजमहल के साथ कुतुब मीनार को गिराने की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया है. एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुर्मी इस बात की जांच की मांग कर रहे हैं कि क्या मुगल बादशाह शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज से 'सचमुच प्यार' करते थे. ये भी पढ़ें: NCERT Book: हिंदू-मुस्लिम एकता, महात्मा गांधी, RSS बैन से जुड़ा चैप्टर सिलेबस से हटाया, अब आई ये सफाई ताजमहल तोड़कर बने मंदिर विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो मुगलकालीन स्मारकों को तोड़कर मंदिरों के निर्माण का भी अनुरोध किया. मरियानी विधायक ने यह भी घोषणा की कि वह मंदिर निर्माण के लिए एक साल का वेतन दान करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से ताजमहल और कुतुब मीनार को तुरंत ध्वस्त करने का अनुरोध करता हूं. इन दोनों स्मारकों की जगह दुनिया के सबसे खूबसूरत मंदिर बनने चाहिए. उन दोनों मंदिरों की वास्तुकला ऐसी होनी चाहिए कि कोई अन्य स्मारक उनके करीब भी न हो. उन्होंने सवाल किया कि 17वीं शताब्दी के राजा ने मुमताज की मृत्यु के बाद तीन बार और शादी क्यों की, उन्होंने दावा किया कि दुनिया के सात अजूबों में से एक हिंदू राजघराने की संपत्ति से बनाया गया था. हिंदू राजाओं के पैसे से बना ताजमहल कुर्मी ने कहा कि साल 1526 में मुगल भारत आए थे और इसके बाद ताजमहल बना था. उन्होंने कहा कि शाहजहां ने हिंदू राजाओं से लिए गए धन से ताजमहल बनवाया, इसलिए वह हमारा पैसा था. जानकारी के मुताबिक शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी के लिए ताजमहल का निर्माण कराया था. उनकी सात शादियां की थीं और मुमताज चौथी पत्नी थीं. विधायक ने पूछा कि अगर वह मुमताज से इतना प्यार करते थे, तो उन्होंने बाद में और पत्नियों से शादी क्यों की. समाचार एजेंसी एएनआई के मताबिक चार बार के विधायक ने कहा कि ताजमहल प्रेम का प्रतीक नहीं है. ये भी पढ़ें: गांधी की पहचान और विरासत से BJP-RSS परेशान, नई पीढ़ी के ब्रेनवॉश की कोशिश- NCERT के बदलाव पर बोले तुषार गांधी एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर बदलाव बता दें कि एनसीईआरटी को 'महात्मा गांधी की हिंदू-मुस्लिम एकता की खोज के लिए हिंदू चरमपंथियों की नापसंदगी' और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भों को कथित रूप से हटाने के लिए विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा है. एनसीईआरटी ने इतिहास की किताब 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट II' से 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स: द मुगल कोर्ट्स' से संबंधित विषयों को हटा दिया है. वहीं एनसीईआरटी के डायरेक्टक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि परिवर्तन एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर किए गए थे. ये भी पढ़ें: Madras High Court: डेमोग्राफी को बदला गया तो संविधान खत्म हो जाएगा मद्रास हाई कोर्ट के जज की टिप्पणी
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