साइबर क्राइम रोकने की दिशा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने भारतीय साइबर सुरक्षा समन्वय समिति यानी "I4C" की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने देश में साइबर सुरक्षा को लेकर एजेंसियों और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल पर विशेष बल दिया गया. गृहमंत्री अमित शाह के समीक्षा बैठक में देश में साइबर क्राइम और धोखाधड़ी से आम जनता के बचाव के लिए काम कर रहे 24×7 डायल नंबर 1930 को और बेहतर और मजबूती देने पर चर्चा हुई. देश में बढ़ रहे साइबर अपराध से निपटने के लिए मंगलवार को हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. साथ ही डिजिटल तंत्र के सुरक्षित उपयोग और साइबर अपराध से निपटने के लिए किए गए अब तक कामों पर डिस्कशन किया गया. ये भी पढ़ें: देश नहीं कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में जी किशन रेड्डी ने दिया राहुल गांधी के हर आरोप का जवाब
साइबर जागरुकता दिवस के आयोजन का निर्देश
गृहमंत्री ने इस यूनिट को हर महीने देश में साइबर जागरुकता दिवस का आयोजन करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि I4C इस पहल में सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और साइबर स्वच्छता को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए देश के सभी राज्यों तक पहुंच बना रहा है. चर्चा इस बात पर भी हुई कि जनवरी 2020 में लांच साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए अब तक 13 करोड़ से ज्यादा बार उपयोग किया गया है जो इसकी विश्वसनीयता बताने के लिए काफी है. इसके माध्यम से अब तक 20 लाख से अधिक साइबर क्राइम शिकायतें दर्ज की गई है. इनके आधार पर करीब 40,000 से अधिक एफआईआर दर्ज हुई है.थानों में 100 प्रतिशत FIR दर्ज
आज की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सीसीटीएनएस यानी क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के माध्यम से अब तक 99.9 यानी लगभग सभी पुलिस स्टेशन सीधे तौर पर 100 प्रतिशत FIR दर्ज किया जा रहा है. सीसीटीएन राशि डेटाबेस में अब तक 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं. क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम पर नागरिकों के द्वारा 12.82 करोड़ से अधिक सर्विस रिक्वेस्ट मिले हैं, जिनमें से 12.35 करोड़ रिक्वेस्ट का राज्य पुलिस द्वारा निपटान किया गया है. ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, बिना इजाजत नहीं गिराए जाएंगे दिल्ली के शेल्टर होम्स1930 हेल्पलाइन नंबर जारी
एक अहम बात नफीस यानि नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम पर 1 करोड़, 5 लाख 80 हजार 2,66 रिकॉर्ड को इंटीग्रेट किया जा रहा है. 17 अगस्त 2022 को शुरू हुए नफीस के माध्यम से जनवरी 2023 तक 23 हजार 378 बार चेक किया जा चुका है. अनौपचारिक बातचीत में गृहमंत्री ने बताया कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए हैं, जिसके जरिए तुरंत ही कार्ड ब्लॉक करने, धोखाधड़ी करने वाले का ट्रेस आईआईटी करने और एफआईआर सहित कई सुविधाएं पाई जा सकती हैं. इसके अलावा 250 से अधिक बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड आ चुके हैं. इसके माध्यम अब तक 1.33 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराधियों द्वारा गबन किए गए 235 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई है. 1930 हेल्पलाइन नंबर के सुविधाओं का सिंगल पॉइंट सलूशन प्रदान करता है.5 हजार से अधिक फॉरेंसिक सेवाएं
गृहमंत्री ने बताया कि National Cyber Forensic Laboratory (Investigation) के माध्यम से, अभी तक राज्यों को 5 हजार से अधिक फॉरेंसिक सेवाएं प्रदान की गई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 30 हजार पुलिस कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरुकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण दिया गया है। साइट्रेन नामक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) पर अब तक 31000 से अधिक पुलिस रजिस्टर्ड किए गए हैं और 8000 से अधिक को प्रमाण-पत्र भी जारी किए गए हैं. इसके साथ ही टॉप फिफ्टी साइबर अटैक के मोड्स अपेरेंडी पर विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की गई है. ये भी पढ़ें: ये BJP कार्यकर्ताओं के सपनों का विस्तार, नए आवासीय परिसर के उद्घाटन पर बोले PM मोदीI4C की सिफारिश पर 500 से अधिक एप बैन
अबतक राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 500 अधिक ऐप्स को I4C की सिफारिश पर बैन किया गया है. साइबर क्राइम में विदेशियों की संलिप्तता को रोकने के लिए NDOFO यानी विदेशी मूल के अपराधों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया गया है. 20 जनवरी 2023 को शुरू की गई नेशनल database of offends of foreign origin के तहत भारत में अपराध में शामिल विदेशियों की एक रजिस्ट्री है, जिसमें सजायाफ्ता और आरोपित फॉरेन ऑफेंडर्स का समूचा विवरण होता है.विदेशी अपराधियों से संबंधित डाटा
NDOFO सभी विदेशी अपराधियों से संबंधित डाटा के लिए एकीकृत समाधान है और यह प्रणाली सभी पुलिस स्टेशनों और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी के बीच उपलब्ध है. इससे आम जनता को लाभ यह है की वैवाहिक विवाद, वीजा धोखाधड़ी, अवैध आप्रवासन, नाइजीरियाई लॉटरी और दूसरे साइबर अपराध हो जैसे विदेशियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए अपराधों में कमी के माध्यम से नागरिक लाभान्वित होते हैं. ये भी पढ़ें: या तो माफी मांग लें Rahul Gandhi, नहीं तो करूंगा FIR- सावरकर के पोते रंजीतमहत्वपूर्ण साइबर क्राइम संस्थाएं
गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने 15 राज्यों में साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर और जनवरी 2020 में I4C की स्थापना की थी. इसके तहत 7 दूसरे वर्टिकल्स को भी लंच किया गया था. ये वर्टिकल हैं.- नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिकल यूनिट (NCCTAU)
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP)
- नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लेबोरेटरी (NCCFL)
- नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेण्टर (NCCTC)
- जॉइंट साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन टास्क फ़ोर्स (JCCITF)
- साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट (CCEMU)
- नेशनल साइबर क्राइम रिसर्च एंड इनोवेशन सेण्टर (NCCRIC)