अडानी मामले को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ है. हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है. बैंकिंग सेक्टरों में भी खतरे की आशंका जताई जा रही है. इन आशंकाओं के बीच आरबीआई, एसबीआई समेत कई बैंकों और अन्य कंपनियों ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं. रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कहा कि अडानी ग्रुप पर एसबीआई का 27000 करोड़ रुपये का कर्ज है. आइए हम आपको बताते हैं अडानी मामले पर किन बैंकों ने क्या क्या कहा…
बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर- RBI
भारतीय रिजर्व बैंक नेकहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. सेंट्रल बैंक ने यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है. आरबीआई ने मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए वह लगातार बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी कर रहा है. हालांकि, आरबीआई ने अडाणी समूह का नाम नहीं लिया. आरबीआई ने कहा कि सेंट्रल बैंक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और प्रत्येक बैंक की लगातार निगरानी करता है. आरबीआई के पास बड़े ऋणों से संबंधित सूचनाओं का सीआरआईएलसी डेटाबेस प्रणाली है, जहां बैंक अपने पांच करोड़ और इससे अधिक के कर्ज की जानकारी देते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल निगरानी के लिए किया जाता है.
अडानी ग्रुप पर SBI का 27000 करोड़ का कर्ज
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार को कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है. अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का दौर जारी रहने से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने इस समूह को कोई भी कर्ज शेयरों के एवज में नहीं दिया है. उन्होंने कहा, इस समूह की हिस्सेदारी हमारे कुल कर्ज में 0.88 प्रतिशत है. बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडाणी समूह अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है.
दो सालों में की कर्ज में कटौती- BOB
बैंक ऑफ बड़ौदा ने शुक्रवार को कहा कि उसने संकट में घिरे अडानी ग्रुप की कंपनियों को कर्ज में पिछले दो साल में कटौती की है और बकाया कर्ज की गुणवत्ता को लेकर उसे कोई चिंता नहीं है. बीओबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा ने संवाददाताओं से कहा कि अडानी समूह की इकाइयों को दिया गया कर्ज एलईएफ के तहत स्वीकृत सीमा का एक चौथाई ही है. हालांकि उन्होंने अडानी समूह को बैंक की तरफ से दिए गए कर्ज की राशि नहीं बताई.
निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं- जम्मू-कश्मीर बैंक
जम्मू एंड कश्मीर (जेके) बैंक ने शुक्रवार को कहा है कि अडानी समूह को दिया गया उसका कर्ज सुरक्षित है और बैंक के निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जेके बैंक के उप महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि अडानी समूह को दिया गया हमारा ऋण बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के प्रति सुरक्षित है. शर्मा ने कहा, ‘हमने 10 साल पहले दोनों परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जो अब 240 से 250 करोड़ रुपये रह गया है. भुगतान नियमित रूप से हो रहे हैं और दोनों संयंत्र बिजली खरीद समझौतों के साथ संचालित हैं. अडाणी के खाते से एक पैसा भी बकाया नहीं है.’
मूडीज ने किया आगाह
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को आगाह किया कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट की वजह से पूंजी जुटाने की समूह की क्षमता प्रभावित हो सकती है. हालांकि, एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि समूह की कंपनियों को लेकर अभी उसकी रेटिंग प्रभावित नहीं होगी.
अडानी मामले पर संसद में हंगामा
कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि वे अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहेंगे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में 16 दलों की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) अडानी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर 13 फरवरी को प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अडानी समूह से जुड़े मामले पर संसद में चर्चा नहीं होने दे रही है क्योंकि उसे लगता है कि यह उसके लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है.