भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के उन नेताओं को नसीहत दी जो कि फिल्मों को लेकर बयान देते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि फिल्मों पर अनावश्यक बयान देने से बचने की जरूरत है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बीजेपी के उन नेताओं में से एक हैं, जो अक्सर फिल्मों को लेकर बयान देते हैं. उन्होंने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की पठान फिल्म पर भी टिप्पणी की, जिसे लेकर खूब चर्चा हुई.
अब पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया.
जब उनसे सवाल किया गया कि पीएम मोदी ने पार्टी के नेताओं से फिल्मों पर बयानबाजी करने से परहेज करने को कहा है तो उन्होंने कहा कि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका हर शब्द, हर वाक्य हमारे लिए महत्वपूर्ण है और इसलिए सभी कार्यकर्ता वहां से प्रेरणा लेकर आए है. हमारा आचरण और व्यवहार हमेशा उनके मार्गदर्शन और ऊर्जा से भरा रहता है और भविष्य में भी बना रहेगा.
अनावश्यक बयानबाजी से बचें: मोदी
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन 17 जनवरी को समापन भाषण में कहा कि जहां पार्टी के बड़े नेता पूरे दिन काम कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग फिल्मों पर बयान देते हैं. हम दिनभर काम करते हैं और कुछ लोग किसी फिल्म पर बयान देते हैं, उसके बाद पूरे दिन टीवी और मीडिया में वही चलता रहता है. ऐसी अनावश्यक बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी न करें. नेताओं को बेवजह बयानों से बचना चाहिए.
पठान जहरीली मानसिकता पर आधारित: मिश्रा
पीएम मोदी का ये बयान तब आया है पठान रिलीज होने वाली है. उससे पहले फिल्म को लेकर काफी बवाल मचा है. नरोत्तम मिश्रा समेत बीजेपी के कुछ नेताओं ने फिल्म के कुछ सीन्स को लेकर आपत्ति जताई थी. पिछले महीने दिसंबर में पठान का गाना बेशरम रंग रिलीज होने के बाद मिश्रा ने कहा था कि फिल्म ‘पठान’ दोषों से भरी है और जहरीली मानसिकता पर आधारित है. ‘बेशरम रंग’ गाने के बोल और गाने में पहने गए भगवा और हरे रंग के कपड़ों में सुधार करने की जरूरत है, नहीं तो हम तय करेंगे कि फिल्म की स्क्रीनिंग मध्य प्रदेश में होने दी जाए या नहीं.
बाद में जब सेंसर बोर्ड ने पठाक मेकर्स को कुछ दृश्यों में बदलाव करने को कहा तो मिश्रा ने इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि फिल्म पठान पर सेंसर बोर्ड का निर्णय सराहनीय है. जब यह मामला मेरे सामने आया था तभी मैंने कहा था कि रील लाइफ रियल लाइफ पर भी असर डालती है. निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों, सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.