16 जनवरी को दिल्ली के एनडीएमसी कंवेंशन सेंटर में होने वाली बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शुद्ध देसी व्यंजनों को परोसा जाएगा. साथ ही प्रधानमंत्री के दिल के करीब देसी और मोटे अनाज के व्यंजन परोसे जाएंगे. पीएम के पहल पर यूएन ने जिस मिलेट को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर घोषित किया है कार्यकारिणी बैठक में उसको विशेष जगह दी गई है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री का पसंदीदा दाल खिचड़ी को परोसने की तैयारी है, वहीं बाजरा, जौ, ज्वार और रागी से बने भोजन बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं को उपलब्ध होगा.
भोजन में दक्षिण भारत के व्यंजनों की भी भरमार होगी. रागी इडली से लेकर, डोसा, सांभर और खासतौर पर मैसूर पाक जैसे मिष्ठान का भी इंतजाम किया गया है. 16 जनवरी को रात्रि के भोजन में दाल खिचड़ी और घी, सेव टमाटर की सब्जी, मारवाड़ी पुलाव, नमक अजवाइन की रोटी, आलू मेथी, रवा मसाला डोसा, सांभर जैसे व्यंजन खाने में परोसे जाएंगे. वहीं मिष्ठान में मिश्रीमावा और बादाम हलवा, मैसूर पाक जैसे मिष्ठान भी भोजन में दिए जायेंगे.
खाने में परोसे जाएंगे ये व्यंजन
17 जनवरी को कार्यकारिणी के दूसरे और आखिरी दिन दोपहर के भोजन में मिलेट से बने खाने को प्रमुखता दी गई है. मुख्य तौर पर मोटे अनाज से बने स्टार्टर, लंच, डिनर और स्वीट के तौर पर भी कार्यकारिणी में आए सदस्यों को परोसा जाएगा. लंच में बाजरा महेरी छाछ के साथ बाजरा महेरी सूप के साथ, लाल लोबिया की सलाद, फाइबर दही बड़ा, मिलट पापड़ी चाट, रागी इडली, चटनी और सांभर के साथ बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी के साथ मिलेट बीसीबेले भात, ज्वार ढोकली, पंचमेली दाल के साथ मेथी बाजरे का साग ज्वार रोटी के साथ बाजरे की रोटी, बाजरे मेथी पराठा, ज्वार की रोटी और ज्वार, जौ और चना का पराठा परोसा जाएगा.
मिष्ठान के भी खास इंतजाम
इसके साथ ही मिष्ठान भी देसी पारंपरिक ढंग के बाजरे की खीर और शामक की फिरनी बनाया जायेगा. प्रधानमंत्री मोदी के पहल पर साल 2023 को यूएन ने अंतरराष्ट्रीय ईयर ऑफ मिलेट घोषित किया है, तब से इन फसलों और अनाजों को भारत सरकार के तरफ से लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इससे पहले विगत लोकसभा सेशन में मिलेट से बने व्यंजन संसद भवन में सभी सांसदों को परोसे गए थे. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन में दिए गए इस लंच में हिस्सा लिया था.