कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपना पद छोड़ने की घोषणा करने वाली न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की बृहस्पतिवार को सराहना की और कहा, भारतीय राजनीति में उनके जैसे लोगों की अधिक आवश्यकता है. दरअसल अर्डर्न ने आज घोषणा की कि वह अपना पद छोड़ने जा रही हैं और प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यालय में सात फरवरी उनका आखिरी दिन होगा. उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को देश में आम चुनाव होंगे और तब तक वह सांसद के तौर पर कार्य करेंगी.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, दिग्गज क्रिकेट कमेंटेटर विजय मर्चेंट ने अपने करियर के चरम पर होने के दौरान संन्यास लेने के बारे में एक बार कहा था: तब जाओ जब लोग कहें कि यह क्यों जा रहा है, न कि तब जब लोग पूछें कि ये जा क्यों नहीं रहा है. मर्चेंट की उक्ति का पालन करते हुए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री अर्डर्न ने कहा कि वह पद छोड़ रहीं हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, भारतीय राजनीति में उनके जैसे लोगों की अधिक आवश्यकता है.
‘मैं अपने कार्यकाल में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया’
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि वह अपना पद छोड़ने जा रही हैं और अक्टूबर में देश में आम चुनाव होंगे. नम आंखों के साथ अर्डर्न ने नेपियर में पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा. उन्होंने कहा, मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. उन्होंने घोषणा की कि न्यूजीलैंड का अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री पद कौन संभालेगा. उप प्रधानमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने घोषणा की है कि वह लेबर पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे.
‘मैं ये पद इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि…’
अर्डर्न ने अपने पद को कई विशेषाधिकारों से भरा लेकिन चुनौतीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस भूमिका को निभाने के लिए हमेशा अप्रत्याशित चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं यह पद इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि यह चुनौतियों से भरा है. अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री बनने के दो महीने बाद ही मैंने पद छोड़ दिया होता. मैं यह पद इसलिए छोड़ रही हूं क्योंकि इससे मिलने वाले विशेषाधिकारों के साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं … जिम्मेदारी यह जानने की कि आप नेतृत्व करने के लिए कब सही व्यक्ति हैं और कब नहीं. मुझे पता है कि इस पद के लिए क्या चाहिए और मुझे पता है कि अब मेरे पास जज़्बा नहीं है. यही असल बात है.
(भाषा इनपुट)