उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत सोमवार को भी शीतलहर की चपेट में रहा. इस दौरान घने कोहरे के कारण हवाई, रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ, जबकि उत्तर प्रदेश में दो सड़क दुर्घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में सोमवार को लगातार पांचवें दिन शीतलहर की स्थिति देखी गई और घने कोहरे के कारण दृश्यता घटकर महज 25 मीटर रह गई.
पंजाब के बठिंडा और अंबाला, उत्तर प्रदेश के आगरा और लखनऊ (अमौसी) और हरियाणा और चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई और पटियाला, चंडीगढ़, अंबाला, भिवानी, दिल्ली के सफदरजंग, रिज, गंगानगर, वाराणसी, फुर्सतगंज और भागलपुर में 25 मीटर, वहीं हिसार, करनाल, पालम, मेरठ, लखनऊ, बहराइच और पटना में दृश्यता 50 मीटर रही. मौसम की मार का असर विमानों और ट्रेन के परिचालन पर भी देखने को मिला. खराब मौसम के कारण 267 ट्रेन विलंबित हुईं. इससे पहले रविवार को कोहरे के कारण 335 ट्रेन विलंब से चल रही थीं, 88 का परिचालन रद्द किया गया था और 31 का मार्ग परिवर्तित किया गया.
5 फ्लाइट्स के रूट में परिवर्तन
कोहरे के कारण पांच उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा, जबकि 30 ने देरी से उड़ान भरी. सर्दी के सितम के चलते स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की अवधि बढ़ा दी गई है और गलनभरी ठंड के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 24 घंटे के बाद शीत लहर की स्थिति में कमी आने की संभावना है.
उसने कहा, अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहेगा और उसके बाद इसकी तीव्रता में कमी आएगी. आईएमडी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 24 घंटों में रात और सुबह के दौरान कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा जारी रहने की संभावना है. उसने कहा, उसके बाद अगले 24 घंटों के दौरान अलग-अलग हिस्सों में घना कोहरा छाया रह सकता है.
लोगों से गाड़ी धीरे चलाने का आग्रह
आईएमडी ने कहा कि कोहरे के कारण हादसे अधिक होने की आशंका रहती है इसलिए लोगों से धीरे गाड़ी चलाने और फॉग लाइट का इस्तेमाल करने को कहा गया है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को कोहरे के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. राष्ट्रीय राष्ट्रधानी में सोमवार को लगातार पांचवें दिन शीतलहर का कहर जारी रहा और दृश्यता 25 मीटर तक पहुंच गई, जबकि पारा पर्वतीय पर्यटक स्थलों चंबा, डलहौली, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे गिर गया.
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला, जिसका मतलब है कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय तक चलीं.
ओडिशा में भी शीतलहर का कहर जारी है और वहां कोरापुट जिले के सिमिलिगुड़ा में न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राज्य के 14 मौसम केंद्रों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सुंदरगढ़ में तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस, फूलबनी में 4.9 डिग्री सेल्सियस और झारसुगुडा में 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राजधानी भुवनेश्वर में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री कम 12.5 डिग्री सेल्सियस.
जम्मू कश्मीर में शीतलहर से थोड़ी राहत
जम्मू-कश्मीर में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हल्की बूंदाबांदी ने कश्मीर में शीतलहर से लोगों को थोड़ी राहत मिली. घाटी के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के आसपास रहा. अधिकारियों ने बताया कि गुलमर्ग, सोनमर्ग-जोजिला ऐक्सिस और कुपवाड़ा के माछिल जैसे पहाड़ी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई. घाटी के कई मैदानी इलाकों में रात में हल्की बूंदाबांदी हुई.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के औरास क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह घने कोहरे के कारण एक बस के ट्रक से टकरा जाने से बस में सवार चार लोगों की मौत हो गई. इनमें चालक और तीन नेपाली नागरिक शामिल थे. उन्होंने बताया कि घटना में छह अन्य यात्री घायल हो गए, जिनमें से चार नेपाल से हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने कहा कि बस गुजरात में राजकोट से नेपाल जा रही थी.
कोहरे की वजह से हो रहे हादसे
एक अन्य घटना में, सुल्तानपुर जा रही एक बस पिपरौली गांव में एक्सप्रेस वे से नीचे गिर गई, जिसमें तीन यात्रियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए. उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पंजाब, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार तक कोहरे की परत छाई दिखाई दी. दिल्ली में न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई. सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो रविवार को 1.9 डिग्री सेल्सियस रहा था. रविवार को दर्ज तापमान दो साल में सबसे कम और 2013 के बाद से इस महीने का दूसरा सबसे कम तापमान था.
लोधी रोड, आयानगर और रिज के मौसम केंद्रों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 3.6 डिग्री सेल्सियस, 3.2 डिग्री सेल्सियस और 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सफदरजंग वेधशाला में रविवार को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 2.2 डिग्री सेल्सियस, शुक्रवार को चार डिग्री सेल्सियस, बृहस्पतिवार को तीन डिग्री सेल्सियस और बुधवार को 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था.
लगातार पांचवे दिन शीतलहर का कहर जारी
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में लगातार पांचवे दिन शीतलहर का कहर जारी रहा और न्यूनतम तापमान चंबा (8.7 डिग्री सेल्सियस), डलहौजी (नौ डिग्री सेल्सियस), धर्मशाला (9.2 डिग्री सेल्सियस), शिमला (10.3 डिग्री सेल्सियस), मनाली (छह डिग्री सेल्सियस), कांगड़ा (8.9 डिग्री सेल्सियस), देहरादून (6.5 डिग्री सेल्सियस), मसूरी (11.3 डिग्री सेल्सियस), नैनीताल ( छह डिग्री सेल्सियस), मुक्तेश्वर (7.6 डिग्री सेल्सियस) और टिहरी (9.2 डिग्री सेल्सियस) जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों से भी कम रहा.
स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला, जिस कारण बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय मैदानी इलाकों की तरह बह रही हैं. पलावत ने बताया कि आमतौर पर दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच तीन से चार दिन का अंतर होता है, लेकिन इस बार यह समय बढ़कर सात दिन हो गया है. एक पश्चिमी विक्षोभ 30 दिसंबर को क्षेत्र से लौटा था और दूसरा सात जनवरी को क्षेत्र में पहुंचा.
भाषा इनपुट के साथ.