जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की हिंदुस्तानी एजेंसियों ने ईंट से ईंट बजा डाली, उस पीएफआई की लंबी जड़ों को खोदने का काम अब शुरू हो चुका है. पीएफआई की जड़ें खोदकर उसका नाम-ओ-निशान मिटाने की जिम्मेदारी डाली गई है NIA के कंधों पर. एनआईए को पता चला है कि पीएफआई के तार आतंकी संगठन ISIS और अलकायदा से भी जुड़े मिल सकते हैं. तब से एनआईए दिन रात इस बदनाम संगठन की जड़ों की तह तक पहुंचने के लिए और भी ज्यादा व्याकुल हो उठी है.
इन सनसनीखेज तथ्यों को लेकर चूंकि जांच अभी चल ही रही है इसलिए एनआईए खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही है, मगर विश्वस्त सूत्र जिस दमदारी से यह सब बयान कर रहे हैं, उसमें काफी हद तक सच्चाई की मौजूदगी न मानना भी बेईमानी ही होगा. मतलब, एनआईए यूं ही बे-वजह ही पीएफआई के अड्डों के भीतर नहीं घुसी है. उसे जब अंदरखाने की तमाम सनसनीखेज और खुफिया जानकारियां पीएफआई के बारे में हाथ लग गईं, तभी उसके अड्डों की ओर ईडी और एनआईए ने अपने पांव मजबूती से बढ़ाए थे. अदालत में पेश दस्तावेजों में भी एनआईए इनमें से कई तथ्यों का चर्चा कर चुकी है.
NIA ने खोद डाली PFI की कब्र
जाहिर सी बात है कि जब कोर्ट में एनआईए ने दाखिल दस्तावेजों में इन तथ्यों का हवाला दे ही दिया है. तो एनआईए के पास पीएफआई के इंटरनेशनल टेररिस्ट संगठनों के साथ संबंधों की पुख्ता जानकारी होगी ही. तभी उसने कोर्ट को इत्तिला दी है. इससे यह भी साफ हो जाता है कि, जो पीएफआई गैंग और उसके आका अब तक इस बात की सावधानी बरता करते थे कि, वे अपने खिलाफ सबूत हिंदुस्तानी एजेंसियों के हाथ लगने ही नहीं देंगे. तब फिर हिंदुस्तानी हुकूमत और उसकी एजेंसियां भला उसका (पीएफआई) का क्या बिगाड़ लेंगे? यह गलतफहमियां अब पीएफआई की दूर हो चुकी हैं. अब चारों ओर से कानूनन बुरी तरह से फंसा पीएफआई और उसके आका अपनी गर्दन बचाने के रास्ते तलाशने में तो जुटे हैं. मगर कोई रास्ता उन्हें मिल नहीं रहा है.
PFI की गलतफहमियां हो गईं दूर
मतलब साफ है कि जब से पीएफआई जन्मा है, तब से पहली बार उसकी गलतफहमियां हिंदुस्तानी एजेंसियों ने दूर कर दी हैं. मय दस्तावेज, गवाह और सबूतों के आधार पर. वरना पीएफआई अब तक इसी गफलत में दौड़ रहा था कि वो हिंदुस्तान की सर-जमीं पर ही रहकर जो और जैसी चाहेगा मनमर्जी करेगा. हिंदुस्तानी हुकूमत उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. क्योंकि उसके खिलाफ हिंदुस्तानी हुकूमत के पास सबूत तो इकट्ठे होंगे ही नहीं.
एनआईए सूत्रों की मानें तो अब इस तमाम एक्शन से बौखलाया पीएफआई एक हिटलिस्ट तैयार करने में जुटा है.यह हिटलिस्ट पीएफआई की खुफिया इकाई द्वारा बनाई जा रही है. इस हिटलिस्ट में हिंदुस्तान के नामी लोगों के नाम है. ताकि जब पीएफआई के हाथ मौका लगे वो अपने मंसूबों को अंजाम दे सके.
ISIS और अलकायदा से जुड़े PFI के तार!
उधर, एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ जांच का जाल अब भारत की हदों से बाहर यानी सीरिया तक भी फैला दिया है. पीएफआई की जड़ों को नेस्तनाबूद करके उसे दुबारा उसके पावों पर खड़ा होने के काबिल ही न छोड़ा जाए. एनआईए के पास सूचनाएं तो इस बात तक की हैं कि पीएफआई के तमाम आकाओं ने गृह युद्ध से घिरे सीरिया तक का दौरा कर लिया है. साथ ही पीएफआई द्वारा आईएसआईएस द्वारा फंड हासिल करने के भी कुछ सबूत हाथ लग चुके हैं. जो पीएफआई की हिंदुस्तान में जड़ें खोदने के लिए काफी होंगे.