अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद तापिर गाओ ने सोमवार को कहा कि तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करेगी. उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोनों देशों की सरकारों को समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम करना चाहिए. तापिर गाओ ने एक वीडियो संदेश में कहा कि नौ दिसंबर की घटना के बारे में सुनकर मुझे दुख हुआ. मैं इसकी निंदा करता हूं. अगर भविष्य में पीएलए (चीन की सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ऐसे काम करती रही तो इससे भारत-चीन संबंधों को नुकसान होगा.
भारतीय सेना ने सोमवार को बताया कि नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के निकट एक स्थान पर झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए,
एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प
पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई. पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था.
भारत और चीन के संबंधों में तल्खी
जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी. दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी. गौरतलब है कि पांच मई, 2020 को शुरू हुए पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के निकट बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है.
चीन गलत तरीके से करता है दावेदारी
सेना के सूत्रों ने बताया भारतीय सैनिकों ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर सामना किया. तवांग सेक्टर में भारत-चीन झड़प में घायल कम से कम 6 सैनिकों को इलाज के लिए गुवाहाटी ले जाया गया है. बतां दे, तंवाग सेक्टर के आस-पास कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां चीन गलत तरीके से दावेदारी करता है. इन क्षेत्रों में दोनों देश अपने-अपने दावे की सीमा तक पेट्रोलिंग करते हैं. बताया जा रहा है कि तवांग में आमने-सामने के क्षेत्र में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया. घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की तुलना में अधिक है. चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ पूरी तरह से तैयार होकर आए थे, लेकिन उन्होंने भारतीय पक्ष के भी इतने अच्छी तरीके से तैयार रहने की उम्मीद नहीं की थी.