भारत के जी-20 समूह की अध्यक्षता संभालने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को कहा कि भारत की G-20 की अध्यक्षता दुनिया में एकता की इस सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने की ओर काम करेगी. इसलिए हमारी थीम – ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है. उन्होंने यह भी कहा कि हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर निकाला जा सकता है. भारत ने आज G-20 की अध्यक्षता संभाल ली है.
पीएम मोदी ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक ग्रुप की अध्यक्षता मिलने पर नरेंद्रमोदी डॉट इन पर लिखा कि आज से भारत के हाथों में G-20 की अध्यक्षता. G-20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय कराधान को तर्कसंगत बनाने और कई देशों के सिर से कर्ज के बोझ को कम करने समेत कई अहम परिणाम सामने आए. हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे और यहां से आगे की ओर बढ़ेंगे.
जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाना गलतः PM मोदी
जी-20 के महत्व को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “मैं अपने आपसे यह पूछता हूं- क्या जी-20 अभी भी और आगे बढ़ सकता है? क्या हम समग्र मानवता के कल्याण के लिए मानसिकता में मूलभूत बदलाव लाने की पहल कर सकते हैं? मेरा विश्वास है कि हां, हम ऐसा कर सकते हैं.”
Today, as India begins its G-20 Presidency, penned a few thoughts on how we want to work in the coming year based on an inclusive, ambitious, action-oriented, and decisive agenda to further global good. #G20India @JoeBiden @planalto https://t.co/cB8bBRD80D
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2022
कुछ देशों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से, हम आज भी उसी शून्य-योग की मानसिकता में अटके हुए हैं. हम इसे तब देखते हैं, जब कई देश, क्षेत्र या संसाधनों के लिए आपस में लड़ते हैं. हम इसे तब देखते हैं, जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है. हम इसे तब देखते हैं, जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है, भले ही अरबों लोग बीमारियों से असुरक्षित हों.”
मिलकर समाधान निकालना होगाः PM मोदी
देश की सार्वभौमिक भावना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता दुनिया में एकता की इस सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने की ओर काम करेगी. इसलिए हमारी थीम- ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है. ये सिर्फ एक नारा नहीं है. ये मानवीय परिस्थितियों में उन हालिया बदलावों को ध्यान में रखता है, जिनकी सराहना करने में हम सामूहिक रूप से विफल रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के समाधान की बात पर पीएम मोदी ने लिखा कि आज हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर काम करके ही निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत इस सकल विश्व का सूक्ष्म जगत है, जहां विश्व की आबादी का छठा हिस्सा रहता है और जहां भाषाओं, धर्मों, रीति-रिवाजों और विश्वासों की विशाल विविधता है.
पीएम मोदी ने कहा कि G-20 अध्यक्षता के दौरान, हम भारत के अनुभव, ज्ञान और प्रारूप को दूसरों के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए एक संभावित टेम्प्लेट के रूप में प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हमारी G-20 प्राथमिकताओं को, न केवल हमारे G-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से में हमारे साथ चलने वाले देशों, जिनकी बातें अक्सर अनसुनी कर दी जाती है, के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा. भारत का G-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक होगा.
उन्होंने कहा कि आइए, हम भारत की G-20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हों.
ऐतिहासिक स्मारकों पर होगी रोशनी
समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के अनुसार, देशभर में फैले यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल समेत केंद्र सरकार संरक्षित सौ स्मारक भारत के जी-20 समूह की अध्यक्षता संभालने के मौके पर एक दिसंबर से सप्ताह भर के लिए रोशनी से जगमग रहेंगे और इन पर इस प्रभावशाली समूह के लोगो को उकेरा जाएगा.
दिल्ली में हुमायूं का मकबरा और पुराना किला से लेकर गुजरात में मोढेरा सूर्य मंदिर और ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर से बिहार में शेरशाह सूरी के मकबरे तक 100 ऐसे स्मारकों में रोशनी की जाएगी. भारत एक दिसंबर को जी-20 की एक साल की अध्यक्षता संभालेगा. इस दौरान भारत में 55 स्थानों पर समूह की 200 से अधिक बैठकें होंगी. जी-20 की पहली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में उदयपुर में होगी जब जी-20 के शेरपा मिलेंगे.