चीन की नापाक हरकतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले पूर्वी लद्दाख इलाके में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसके बाद आज तक दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास है. अब चार दिन पहले 9 दिसंबर की दोपहर बाद दोनों ओर की पेट्रोलिंग टीम आमने-सामने आ गई. चीन की पेट्रोलिंग टीम में तब करीब 50 सैनिक मौजूद थे. ये घटना LAC के पास तवांग के Yangtse Sector में हुई. दोनों देशों के सैनिकों के पास गन और कांटे वाले रॉड थे. अमेरिकी खूफिया एजेंसी पेंटागन ने पहले ही चीन की इस हरकत का पर्दाफाश कर दिया था.
तवांग में चीनी साज़िश का भारत को पहले से अंदेशा था. इसी कारण आर्मी ने पहले से ही जबरदस्त तैयारी कर रखी थी. तवांग में बोफोर्स, होवित्जर की पहले से तैनाती थी. चीनी फौज को इस बात का अंदेशा नहीं था कि भारत की तैयारी पूरी है. तकरीबन एक साल पहले ही पेंटागन ने एक रिपोर्ट में बताया था कि चीन तवांग इलाके में अपने पैर पसारना चाहता है और इसके लिए वो पूरी तैयारी कर रहा है. इस रिपोर्ट के बाद भारतीय सेना अलर्ट पर थी. नौ दिसंबर को जब दोनों सेनाओं की पेट्रोलिंग टीम गश्त कर रही थी उसी दौरान झड़प हो गई.
36 साल बाद तवांग पर फिर तिरछी हुईं चीन की निगाहें
1962 के युद्ध में चीन ने तवांग के कुछ इलाके पर कब्ज़ा कर लिया था. 1986-87 में तवांग के पास सुमदोरोंग घाटी में चीन के साथ झड़प हुई मगर चीन कुछ हासिल नहीं कर पाया. अब 36 साल बाद तवांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हुई है. अरुणाचल को लेकर पेंटागन ने आगाह किया था. एक और रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन ने यहां पर एक गांव तक बसा दिया है.अरुणाचल में चीनी फौज की बढ़ती हलचल की जानकारी भी भारतीय सेना की थी. इसको लेकर पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में वॉर्निंग दी थी.
चीन से उसके पड़ोसी परेशान
चीन की विस्तारवादी नीति से तो हर कोई वाकिफ है. जिन-जिन देशों से इसकी सरहदें जुड़ी हुई हैं वो सभी देश इसके रवैये से परेशान हैं. छोटे देशों को चीन गुर्रा देता है और उसकी जमीन पर जबरन कब्जा करता रहा है. भूटान इसका उदाहरण है. पेंटागन की एक रिपोर्ट की मानें तो अरुणाचल में ड्रैगन ने बड़े-बड़े गांव बसा लिए हैं. चीनी गांव बसाने के दो मकसद सामने आते हैं. पहला मकसद है तवांग को लेकर मिलिट्री ऑब्जेक्टिव्स पूरे करना. दूसरा मकसद- अरुणाचल में पूरे इलाके पर कब्जा करना, जिसे चीन पहले से ही अपना हिस्सा बताता रहा है.
300 सैनिकों को खदेड़ा
एक दिन पहले पता चला था कि 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने LAC पर पहुंचने की कोशिश की. इस बार इलाका था अरुणाचल का तवांग इलाका. इस इलाके में कई बार चीन अपनी नियत खराब कर चुका है. जिसका भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से जवाब दिया. इस आमने-सामने की झड़प में दोनों तरफ के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं. इसके तुरंत बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति पर लौट गए. दोनों देशों क एरिया कमांडरों ने फ्लैग मीटिंग करके सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा की. खबर है कि करीब 300 चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ आए थे, जिन्हे भारतीय सेना ने खदेड़ दिया.