कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बीजेपी नेताओं ने ‘सिद्धारमुल्ला खान’ कहकर पुकारा है. इस पर सिद्धारमैया ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि वो इस टिप्पणी से परेशान नहीं हैं, क्योंकि इसने उनकी धर्मनिरपेक्ष साख पर मुहर लगाई है. कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरा नाम का मुस्लिमीकरण कर बीजेपी ने उन्होंने (भाजपा) धर्मनिरपेक्षता में मेरे विश्वास का इनाम दिया है. हाल ही में बीजेपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सीटी रवि ने सिद्धारमैया को ‘सिद्धारमुल्ला खान’ कहकर बुलाया था.
इसी पर जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा है कि मैं अपने नाम में मुस्लिम नाम जोड़ने से परेशान नहीं हूं, मुझे सिद्धारमुल्ला खान कहा गया है. गोविंद भट के शिष्य शिशुनाला शरीफ, संत रामानन्द के शिष्य कवि कबीर की विरासत हमारे पास है. झूठ, बदनामी और चरित्र हनन को अपने राजनीतिक प्रचार का हथियार बनाने वाली भाजपा द्वारा की जा रही बदनामी में कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
सीटी रवि ने सिद्धारमैया की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर वो एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनते तो वो हिंदुओं को खत्म कर देते. कर्नाटक बीजेपी तब से सिद्धारमैया को सिद्धारमुल्ला खान कहती है, जब मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला किया था.बाद में बीजेपी की सरकार बनी तो उस कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई.
‘हर तरह की सांप्रदायिकता का विरोध करता हूं’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वो मुझे सिद्धारमुल्ला खान कहते हैं तो इसका मतलब है कि मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम हुआ है, उसे पहचान दी जा रही है. मैं मुसलमानों और अन्य धर्मों की सांप्रदायिकता का उसी स्पष्टता और प्रतिबद्धता के साथ विरोध करता रहा हूं जिस तरह हिंदू सांप्रदायिकता का करता हूं. बीजेपी की तरह मैं उनमें से नहीं हूं, जो राजनीतिक कारणों से अच्छे और बुरे के बीच बिना किसी भेद के विशेष रूप से मुसलमानों को टारगेट करके सांप्रदायिक राजनीति करते हैं. क्या वे समाज में भ्रष्टाचार और असमानता के दागदार चेहरे के साथ चुनाव में जा रहे हैं?
बदनामी के डर से लड़ाई बंद नहीं करूंगा: सिद्धारमैया
2015 में टीपू सुल्तान की जयंती की मौके पर कोडागू जिले में हुए विवाद और हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बीजेपी की एक राजनीतिक चाल थी. लोगों ने बीजेपी के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों और विधायकों तक को टीपू जयंती मनाते देखा है. मैं उन्हें मेरे खिलाफ बदनामी बंद करने के लिए नहीं कहूंगा. लेकिन यह मूर्खता होगी अगर बीजेपी ये सोचती है कि मैं अपनी बदनामी के डर से उनकी सरकार के कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ाई बंद कर दूंगा.