वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से आवारा पशुओं के टकराने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब रेलवे प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की पहल की है. दरअसल रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की मुंबई डिवीजन ने गांवों के सरपंचों को पत्र लिखा है और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त हिदायत दी है कि लावारिस और आवारा पशु रेलवे ट्रैक के आसपास न घूमे. आरपीएफ ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि अगर पशु रेलवे लाइन के आसपास भटकते मिले तो इनके मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पालघर आरपीएफ द्वारा 28 अक्टूबर को लिखे गए एक लैटर में कहा गया है कि कई आवारा पशु रेलवे ट्रैक के किनारे घूमते पाए जाते हैं. कई बार वो ट्रैक पर भी आ जाते हैं. जिसकी वजह से उनके कुचलने की घटनाएं होती हैं. आरपीएफ ने इन क्षेत्रों के सरपंचों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी आवारा पशुओं को गौशाला भेजा जाए. सीनियर डिवीजनल सिक्योरिटी कमिश्नर (वेस्ट रेलवे) विनीत खरब ने कहा कि पशुओं को रेलवे ट्रैक के आसपास आने और घूमने से रोकने के लिए सरपंचों और जिला कलेक्टरों को नोटिस भेजकर ग्रामीणों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है.
गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के पालघर से लेकर सूरत के उधना तक कई ऐसे छोटे गांव हैं, जहां काफी संख्या में पशु हैं. ट्रेनों से जानवरों के टकराने की हालिया घटनाओं को देखते हुए इन गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी किया गया है, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि इन जानवरों को कंट्रोल किया जाए और उन्हें रेलवे लाइन के आसपास भटकने न दिया जाए. क्योंकि ये दुर्घटनाएं सिर्फ ट्रेन के इंजन को नुकसान नहीं पहुंचातीं, बल्कि यात्रियों की जान भी खतरे में डालती हैं.’
आरपीएफ के मुंबई डिवीजन के मुताबिक, जनवरी से लेकर अब तक इस साल लगभग 1 हजार से ज्यादा नोटिस जारी किए गए हैं और इन गांवों के जंक्शनों और चौकों जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में 50 से ज्यादा जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं. इन अभियानों में ग्रामीणों को अपने पशुओं की देखरेख करने के लिए आगाह किया गया है. पिछले महीने यानी अक्टूबर में पशुओं के वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से टकराने की तीन घटनाएं देखी गईं.
पशुओं से कई बार टकराई वंदे भारत
29 अक्टूबर को मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजरात के अतुल स्टेशन के पास गाय से टकरा गई थी, जिसके चलते ट्रेन को गंतव्य तक पहुंचने में 20 मिनट की देरी हुई. यही नहीं, ट्रेन का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे पहले, 6 अक्टूबर को गुजरात के वटवा और मणिनगर रेलवे स्टेशनों के बीच मुंबई से गांधीनगर जाते समय इस ट्रेन की चपेट में आने से चार भैंसों की मौत हो गई थी. अगले दिन यानी सात अक्टूबर को हुई इसी तरह की दूसरी घटना में ट्रेन मुंबई जाते समय गुजरात के आणंद के पास एक गाय से टकरा गई थी.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)