ब्रिटेन में सियासी उथल-पुथल के करीब एक हफ्ते बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब यूनाइटेड किंगडम के पीएम बनने जा रहे हैं. ब्रिटिश संग्रहालय के अध्यक्ष ने ट्वीट किया था और कहा था कि यह गर्व का मौका है जब उनके देश में कोई ब्रिटिश एशियाई पीएम बनने जा रहा है. इसके रिप्लाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट करते हुए ब्रिटेन की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए इसे एक बड़ा कदम करार दिया है. हालांकि इस पर शशि थरूर जमकर ट्रोल हो गए. उनके ट्वीट पर कई लोगों ने रिप्लाई किया है.
दरअसल ब्रिटिश की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है. वह सबसे कम समय के लिए पीएम बनी लिज ट्रस की जगह ऑफिस संभालेंगे और पीएम पद का पदभार ग्रहण करेंगे. ऐसे में ब्रिटिश संग्रहालय के अध्यक्ष जॉर्ज ओसबोर्न ने एक ट्वीट किया, ‘दिन के अंत तक ऋषि सुनक प्रधानमंत्री होंगे. मेरी तरह कुछ लोग सोचते हैं कि वह हमारी समस्याओं का समाधान हैं. वहीं, दूसरों को लगता है कि वह समस्या का हिस्सा हैं. आपकी जो भी राजनीति हो, लेकिन आइए हम सभी पहले ब्रिटिश एशियाई के पीएम बनने का जश्न मनाएं और अपने देश पर गर्व करें कि यहां ऐसा हो सकता है.’
If this does happen, I think all of us will have to acknowledge that theBrits have done something very rare in the world,to place a member of a visible minority in the most powerful office. As we Indians celebrate the ascent of @RishiSunak, let's honestly ask: can it happen here? https://t.co/UrDg1Nngfv
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 24, 2022
थरूर का रिप्लाई
ओसबोर्न के इस ट्वीट पर थरूर ने किया रिप्लाई और लिखा, ‘अगर ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन के लोगों ने बहुत ही दुर्लभ काम किया है. अपने सबसे शक्तिशाली कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया है. हम भारतीय ऋषि सुनक के लिए जश्न मना रहे हैं. आइए ईमानदारी से पूछें: क्या यह यहां हो सकता है?’ इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर ‘मुस्लिम PM’ ट्रेंड करने लगा. इस पर कुछ ट्विटर यूजर्स ने थरूर को खूब खरी-खोटी सुना दी.
सुनिंदा वशिष्ठ का जवाब
थरूर के इस विवादतित ट्वीट पर वरिष्ठ राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने लिखा है कि, ‘दो कार्यकाल के लिए सिख पीएम, मुस्लिम राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति… ऐसे कई उदाहरण हैं. हम इसके बारे में बहुत अधिक हो-हल्ला नहीं करते हैं क्योंकि हम ब्रिटिश के विपरीत नस्लवादी नहीं हैं. बेशक उनके लिए यह बहुत बड़ी बात है. अनावश्यक अपराधबोध नहीं करें.’
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