केरल सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब नशे की हालत में वाहन चलाने और ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए कम से कम 3 दिनों तक समाजसेवा करनी होगी इसके अलावा उन्हें ट्रैफिक नियमों की फिर से ट्रेनिंग दी जाएगी. यह फैसला राज्य सरकार ने हाल ही में हुए भीषण बस एक्सिडेंट के बाद लिया है. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी.
जानकारी के मुताबिक ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ समाज सेवा और प्रशिक्षण अनिवार्य करने का गुरुवार को फैसला किया है. परिवहन मंत्री एंटोनी राजू की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में शामिल और नशे की हालत में वाहन चलाते पाए जाने वाले चालकों को अनिवार्य रूप से अस्पतालों के ट्रॉमा केंद्रों और अन्य देखभाल इकाइयों में कम से कम तीन दिनों की सेवा में लगाया जाना चाहिए.
मंत्री के कार्यालय के मुताबिक, नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों का लाइसेंस निलंबित करने के अलावा उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइवर ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) में तीन दिवसीय अनिवार्य प्रशिक्षण लेना होगा.
भीषण हादसे में हुई थी 9 लोगों की मौत
केरल के पालक्काड जिले के वडक्कांचेरि में एक प्राइवेट पर्यटक बस और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस के बीच टक्कर होने से पांच छात्रों समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी. केरल के सड़क परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने यह जानकारी दी थी. मंत्री ने बताया था कि हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे हुआ, जब तेज रफ्तार से जा रही एक निजी बस एक गाड़ी को ओवरटेक करने के प्रयास में केएसआरटीसी की बस से टकरा गई.
मंत्री ने बताया कि केएसआरटीसी की बस केरल के कोट्टारक्करा से तमिलनाडु के कोयंबटूर जा रही थी और उसमें 81 यात्री सवार थे. वहीं, निजी बस में एर्नाकुलम के बेसिलियोस विद्या निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 42 छात्र और पांच शिक्षक सवार थे जो तमिलनाडु के ऊटी घूमने जा रहे थे. इस भीषणा हादसे में 42 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
भाषा इनपुट के साथ.
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