पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में हुई 66 बच्चों की मौत पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर चेतावनी जारी किए जाने के बाद भारतीय दवा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड कंपनी अभी जांच के दायरे में है, लेकिन इस बीच एक आधिकारिक निरीक्षण के बाद भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कंपनी में दवा के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की गई थी. सूत्र कहते हैं कि वैधानिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रोपलीन ग्लाइकोल (Propylene glycol) जिसका उपयोग दवाओं के निर्माण के लिए किया जाता है, में दूषित पदार्थ डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद हो सकते हैं, इन दोनों जहरीले रसायनों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से मौतों के संभावित कारणों के रूप में नामित किया गया है और दवा निर्माण के लिए सख्त क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित करने को कहा गया है.
एक हफ्ते में देना होगा नोटिस का जवाब
वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स का कहना है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ संयुक्त निरीक्षण के बाद मेडेन फार्मास्युटिकल्स को हरियाणा दवा अधिकारियों की ओर से 7 अक्टूबर को जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार, “फर्म ने डायथाइलीन ग्लाइकोल (diethylene glycol) और एथिलीन ग्लाइकोल (ethylene glycol) के लिए प्रोपलीन ग्लाइकोल (propylene glycol) की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की है.” फार्मा कंपनी को इस नोटिस का जवाब 14 अक्टूबर तक देना है, ऐसा न करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
मामले से अवगत लोगों ने कहा कि जारी नोटिस के अनुसार, मार्च 2022 में प्राप्त और विश्लेषण किए गए प्रोपलीन ग्लाइकोल (propylene glycol) के एक बैच को वही दिखाया गया, जिसका उपयोग पिछले साल दिसंबर में MaGrip n Cold सिरप के एक बैच के निर्माण के लिए किया गया था, जो यह दर्शाता है कि इसकी गुणवत्ता के लिए क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की गई थी और सही तरीके से कागजी कार्रवाई नहीं की गई.
बैच नंबर तक नहीं
नोटिस में इस बात को दर्शाया गया है कि दवाओं का शेल्फ लाइफ कच्चे माल की एक्सपाइरी डेट से भी अधिक है, “प्रोपलीन ग्लाइकोल (बैच नंबर E009844) जिसकी मैन्यूफैक्चरिंग डेट सितंबर 2021 की है जबकि एक्सपाइरी डेट सितंबर 2023 है, का उपयोग प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, और माग्रिप एन कोल्ड सिरप के निर्माण में किया गया था, जिसके प्रोडक्ट की एक्सपाइरी डेट नवंबर 2024 है.”
पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में बच्चों की मौतों से जुड़ी चार कफ सिरप प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं.
फार्मास्युटिकल विशेषज्ञों ने कहा कि डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल के सम्मिश्रण की जांच के लिए प्रोपलीन ग्लाइकोल स्टॉक पर टेस्टिंग की जानी चाहिए थी. एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल महंगा है और कई बार डिफॉल्ट करने वाली दवा कंपनियां इसे डायथाइलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल के साथ मिला देती हैं.
हाल ही में जारी एक अलर्ट में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चार उत्पादों में से हर एक के नमूनों के लैब टेस्टिंग के जरिए यह बात सामने आई कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा मिलाई गई है.
हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ने कुंडली, सोनीपत में मेडेन फार्मास्युटिकल की निर्माण सुविधा के निरीक्षण के दौरान पाए गए उल्लंघनों की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि संबंधित दवाओं के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले प्रोपलीन ग्लाइकोल, सोर्बिटोल सॉल्यूशन और सोडियम मिथाइल पैराबेन के बैच नंबर नहीं थे.
रद्द हो सकता है लाइसेंस
सूत्रों का दावा है कि कंपनी को एक हफ्ते का नोटिस दिया गया है. इस वैधानिक प्रक्रिया के पूर्ण होते ही कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. यही नहीं दवाइयों के सैंपल की रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलने की सूरत में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इसके अलावा, प्रोपलीन ग्लाइकोल सहित उपयोग की गई वस्तुओं के खरीद चालान पर बैच नंबर, निर्माता का नाम और निर्माण और समाप्ति तिथियां नहीं मिलीं.
फार्मास्युटिकल कंपनी को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स की धारा 85 (2) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जो फर्मों के लाइसेंस को रद्द करने और निलंबित करने से संबंधित है. धारा 85 (2) लाइसेंसिंग प्राधिकारी को दवाओं के निर्माण और निर्यात लाइसेंस को रद्द करने या निलंबित करने का अधिकार देती है.
इनपुट- एजेंसी
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