सेना में भर्ती की नई महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना के जरिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, और पंजाब में भर्ती शिविर लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसको लेकर स्थानीय प्रशासन पर ज्यादा सहयोग नहीं करने का आरोप लग रहा है. जालंधर में सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग नहीं करने का हवाला देते हुए पंजाब सरकार से कहा है कि राज्य में अल्पकालिक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियों को या तो स्थगित किया जा सकता है या पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते 8 सितंबर को भेजे अपने पत्र में पंजाब के मुख्य सचिव वी के जंजुआ और रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण के प्रमुख सचिव कुमार राहुल को संबोधित करते हुए, जालंधर के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने कहा, “हम स्थानीय नागरिक प्रशासन के ढुलमुल रवैया को सामने लाने के लिए विवश हैं. वे आमतौर पर चंडीगढ़ में राज्य सरकार के निर्देशों की कमी या फिर धन की कमी के कारण अपनी अपर्याप्तता का हवाला दे रहे हैं.”
स्थानीय प्रशासन से सुविधा की दरकार
अंग्रेजी वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस ने भेजे गए पत्र के जरिए बताया कि कुछ “अपरिहार्य जरुरतें” हैं जिन्हें स्थानीय प्रशासन की ओर से भर्ती रैलियों को आयोजित करने के लिए प्रदान करनी चाहिए, जिसमें “कानून और व्यवस्था के लिए पुलिस सहायता, सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, नियंत्रित करने के लिए आवश्यक बैरिकेडिंग और उम्मीदवारों का सुगम प्रवेश भी शामिल है.”
स्थानीय प्रशासन से यह भी उम्मीद की जाती है कि वह तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एक टीम और एम्बुलेंस के साथ एक चिकित्सा अधिकारी सहित चिकित्सीय सहायता की भी व्यवस्था करें. पत्र में यह भी कहा गया है कि इसके अलावा किसी खास स्थल पर भर्ती रैली करने को लेकर 14 दिनों के लिए प्रतिदिन 3,000 से 4,000 उम्मीदवारों के खातिर रेन शेल्टर, पानी, मोबाइल टायलेट और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी.
वैकल्पिक व्यवस्था देखेगी सेना
इन उक्त व्यवस्थाओं को करने के लिए “स्पष्ट रूप प्रतिबद्धता” नहीं दिखाई गई है, पत्र में आगे कहा गया, “हम राज्य में भविष्य में होने वाली सभी भर्ती रैलियों और प्रक्रियाओं को रोकने के लिए सेना मुख्यालय के साथ मामला उठाएंगे” या ” फिर पड़ोसी राज्यों में वैकल्पिक रूप से भर्ती रैलियों का आयोजन करेंगे.”
पिछले महीने अगस्त में लुधियाना में भर्ती रैलियों का आयोजन किया गया था, इसी तरह गुरदासपुर में एक शिविर (1-14 सितंबर) चल रहा है, और दूसरा 17 से 30 सितंबर तक पटियाला में आयोजित होने वाला है.
हालांकि इस प्रकरण पर मुख्य सचिव वीके जंजुआ ने फोन कॉल या टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया. जबकि रोजगार सृजन के प्रधान सचिव कुमार राहुल ने कहा कि गुरदासपुर में कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन ये “ज्यादा गंभीर नहीं” थे. उन्होंने कहा, “मैंने जनरल से बात की है. उन्होंने मुझे गुरदासपुर में कुछ मसलों के बारे में बताया, लेकिन यह ज्यादा गंभीर नहीं है. सब कुछ ठीक है और भर्ती रैलियों के सुचारू संचालन के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं.”
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक ने कहा कि सेना को हमारे जिले में भर्ती रैलियों को आयोजित करने में कोई समस्या नहीं हुई है. मलिक ने कहा, “वास्तव में, हमें अगस्त में अग्निवीर रैली के सुचारू संचालन के लिए सेना भर्ती अधिकारियों की ओर से प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया गया है.”
सेना द्वारा राज्य सरकार के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार, पटियाला में भर्ती रैलियों में करीब 27,000 उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है, ये उम्मीदवार पास के 6 जिलों मलेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब, मानसा, पटियाला, संगरूर और बरनाला से आ सकते हैं.
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