भारतीय नौसेना लगातार सशक्त हो रही है. इसी क्रम में स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को अगले महीने नौसेना में शामिल किया जाएगा. 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नौसेना को सौंप सकते हैं. आईएनएस विक्रांत के लिए नौसेना 26 लड़ाकू विमान की खरीद भी करेगी. इस बीच अमेरिकी विमान विनिर्माता बोइंग ने बुधवार को भारत के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक आधारित लड़ाकू विमानों की भारतीय नौसेना की जरूरत को पूरा करने के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को सर्वश्रेष्ठ प्लेटफॉर्म बताया.
बोइंग के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि अगर एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक-3 को चुना जाता है तो कंपनी का पूर्वानुमान है कि अगले 10 वर्षों में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र और रक्षा उद्योग में 3.6 अरब डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. नौसेना ने खरीद के लिए एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल एम को चुना है.
सुपर हॉर्नेट नौसेना के लिए उपयुक्त: बोइंग
भारतीय नौसेना ने चार साल पहले अपने विमान वाहक पोत के लिए 57 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक 3 भारतीय नौसेना के लिए सर्वश्रेष्ठ डेक आधारित विमान होगा और कंपनी देश के स्वदेशी एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में योगदान के अपने सफल ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मेक इन इंडिया पहल को और मजबूत करना चाहती है.
गोवा में दिखाया था प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि बोइंग का पूर्वानुमान है कि यदि एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को भारत के अगले विमान वाहक पोत आधारित लड़ाकू विमान के रूप में शामिल किया जाता है तो अगले 10 वर्षों में भारत के एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग पर 3.6 अरब डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है. अमेरिकी नौसेना के दो एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट विमानों ने हाल में गोवा में एक नौसेना केंद्र पर कई प्रदर्शन किए थे.
वही बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सेक्योरिटी के बॉम्बर्स एंड फाइटर्स विंग के वाइस प्रसिडेंट स्टीव पार्कर ने कहा, ‘हमने भारतीय नौसेना को जो सुपर हॉर्नेट देने का ऑफर पेश किया है, वह काफी एडवांस्ड हैं और यह जंगी हालात में बेहतर प्रदर्शन की क्षमता रखते हैं. यह बेहद तेज लड़ाकू विमान है. यह विमान किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है.’
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