पाकिस्तानी नौसेना ने गुरुवार को कहा कि उसने अरब सागर में एक जहाज के पलट जाने के बाद उसके चालक दल के 9 भारतीय सदस्यों को डूबने से बचाया. पाकिस्तान नौसेना के जनसंपर्क महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि यह घटना नौ अगस्त को बलूचिस्तान प्रांत के तटीय शहर ग्वादर के पास उस समय हुई, जब भारतीय पोत ‘जमना सागर’ डूब गया. उसमें चालक दल के 10 सदस्य थे.
बयान के मुताबिक, नौसेना को पोत के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद पाकिस्तान समुद्री सूचना केंद्र ने निकट मौजूद वाणिज्य पोत एमटी क्रुइबेके से भारतीय पोत के चालक दल को आवश्यक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया. बयान में कहा गया वाणिज्य पोत ने अंतत: चालक दल के नौ सदस्यों को बचा लिया. इसमें कहा गया कि पाकिस्तान नौसेना जहाज को बाद में चालक दल के एक लापता सदस्य का शव मिला, जिसे पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया गया.
पाकिस्तानी युद्धपोत को श्रीलंका ने कोलंबो में रुकने की अनुमति दी
उधर, श्रीलंका ने चीन निर्मित पाकिस्तान के युद्धपोत पीएनएस तैमूर को कोलंबो में रुकने की अनुमति दे दी है. श्रीलंका ने पाकिस्तानी पोत को यह इजाजत बांग्लादेश सरकार द्वारा चटगांव बंदरगाह पर रुकने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद दी. यह पोत 15 अगस्त को यहां पाकिस्तान नौसेना में शामिल होने के लिए आ रहा है. शंघाई से कराची की यात्रा के दौरान युद्धपोत को सात से 10 अगस्त तक चटगांव बंदरगाह के बाहर लंगर डालना था. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार ने पीएनएस तैमूर को रुकने की अनुमति देने से इनकार कर दिया क्योंकि अगस्त का महीना प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए शोक का महीना है. उनके पिता शेख मुजीब-उर-रहमान की 15 अगस्त, 1975 को हत्या कर दी गई थी.
श्रीलंकाई बंदरगाह पर चीन निर्मित पाकिस्तानी युद्धपोत को रुकने की अनुमति ऐसे समय दी गई है जब कोलंबो ने हाल में भारत द्वारा सुरक्षा चिंताओं को व्यक्त करने के बाद रणनीतिक हंबनटोटा बंदरगाह पर एक चीनी अनुसंधान पोत की यात्रा को स्थगित करने का बीजिंग से आग्रह किया था. एक अधिकारी ने कहा, ‘लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस युद्धपोत अब श्रीलंका सरकार की अनुमति के बाद कोलंबो बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है.’ उन्होंने कहा, ‘अब यह 12 अगस्त को कोलंबो बंदरगाह से कराची के लिए रवाना होगा.
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