सौर तूफान हमेशा से वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष शोधकर्ताओं के लिए चिंता का विषय रहा है. इसकी वजह यह है कि इससे पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर असर पड़ने की आशंका रहती है. अब नई मुसीबत के रूप में एक बड़े पैमाने पर सौर तूफान (Solar Flare) सूरज से बच गया है और यह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. इससे दुनिया में ब्लैकआउट (Blackout) होने की उम्मीद की जा रही है. इस बात की जानकारी अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी डॉ. तमिथा स्कोव ने दी है. उनके मुताबिक, सौर तूफान के जल्द ही पृथ्वी से टकराने की उम्मीद है.
उन्होंने इसको लेकर अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, ‘लंबे सांप जैसे सोलर फ्लेयर पृथ्वी से टकराने वाले हैं. नासा ने भविष्यवाणी करते हुए इसके 19 जुलाई को पृथ्वी से टकराने की बात कही है. इसकी वजह से सैटेलाइट प्रभावित हो सकते हैं, साथ ही जीपीएस और रेडियो का काम भी प्रभावित हो सकता है. बता दें कि अगर ऐसा होता है तो सौर तूफान के कारण धरती पर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली जा सकती है.
रेडियो सिग्नल में आ सकती है मुसीबत
इसके अलावा रेडियो सिग्नल में मुश्किल आ सकती है, साथ ही रेडियो संचालकों को भी व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है. यही वजह है कि इस तूफान को लेकर हर जगह चिंता जताई जा रही है. इसके अलावा जीपीएस इस्तेमाल करने वाले भी दिक्कतें महसूस कर सकते हैं. सौर तूफान का असर मोबाइल फोन के सिग्नल पर भी हो सकता है, जिससे ब्लैकआउट का भी खतरा है.
सूरज से निकलने वाला एक रेडिएशन होता है सौर तूफान
बता दें कि सौर तूफान को जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म और सोलर स्टॉर्म भी कहा जाता है. यह सूरज से निकलने वाला एक रेडिएशन होता है, जिसकी वजह से पूरा सौरमंडल प्रभावित हो सकता है. इसकी वजह से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन और गर्मी काफी बढ़ जाती है. ऐसा नहीं है कि सौर तूफान पहली बार आ रहा है. इससे पहले यह 1989 में आया था, जिसकी वजह से कनाडा का क्यूबेक शहर काफी प्रभावित हुआ था. बात करें इससे पहले की तो यह 1859 में आया था. तब इसकी वजह से यूरोप और अमेरिका में टेलीग्राफ नेटवर्क काफी बर्बाद हो गया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, सौर तूफान की घटना बहुत कम होती है.