मेघालय पुलिस ने मंगलवार को एक स्थानीय यूट्यूबर (Meghalaya Police) को तलब किया है, जिसपर आरोप है कि उसने कथित तौर पर अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का उपयोग करके ‘समाचार जैसी’ संवेदनशील जानकारी का प्रसार किया है. उसने बिना संबंधित प्रशासन की अनुमति लिए ये तक बता दिया कि जनहित से जुड़ी सूचना को किस तरह प्रसारित करना है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, यूट्यूबर को संबंधित अधिकारियों से सत्यापन के बिना अपने दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए तस्वीरों और अन्य संवेदनशील जानकारी के उपयोग से दूर रहने के लिए भी कहा गया था.
पूर्वी खासी हिल्स के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक सयम ने कहा, ‘एक व्यक्ति मीडिया आउटलेट के तौर पर काम कर रहा है. वह मानदंडों के अनुसार उचित और अनुचित प्रक्रिया का पालन किए बिना यूट्यूब के जरिए समाचार के रूप में सूचना प्रसारित कर रहा है, उसे कल तलब किया गया है.’ पुलिस अधिकारी ने कहा कि व्यक्ति को सूचना प्रसार के क्षेत्र से जुड़ी जानकारी दी गई थी. जिसमें बताया गयाकि संबंधित अधिकारियों द्वारा आधिकारिक तौर पर स्वीकार किए जाने की उचित प्रक्रिया का पालन करें, कुछ प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं का पालन करने और एक सख्त आचार संहिता बनाए रखें.
पंजीकरण प्रक्रिया का नहीं किया पालन
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग बिना किसी पंजीकरण प्रक्रिया का पालन किए या कानूनी मान्यता प्राप्त किए यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लैटफॉर्म पर न्यूज बता रहे हैं. इन न्यूज आउटलेट के पास जानकारी को सत्यापित करने के लिए कोई आधिकारिक स्रोत नहीं है. इससे अफवाह फैलती है. पुलिस ने कहा कि गलत तरीके से प्रकाशन और तस्वीरों के प्रसारण, गलत या निराधार और असत्यापित जानकारी के ऐसे कई उदाहरण हैं, जिससे लोगों में भ्रम पैदा हुआ है.
इससे पहले बीते महीने खबर आई थी कि चेन्नई में यूट्यूब पर एक चैनल चलाने वाले एक व्यक्ति को राज्य प्रशासित मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर ऑनलाइन माध्यम से धन एकत्र कर लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया था कि एस कार्तिक गोपीनाथ को इस मामले में गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक गोपीनाथ ने इस उद्देश्य के लिए हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग की पूर्व स्वीकृति नहीं ली थी और एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल उसने अपने निजी उद्देश्यों के लिए किया. गोपीनाथ ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए कथित रूप से 36 लाख रुपये की राशि जुटाई थी. अवाडी पुलिस आयुक्त कार्यालय ने कहा कि उसे अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.