मद्रास हाई कोर्ट ने शतरंज ओलंपियाड विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें नहीं लगाने पर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस एस अनंती की पीठ ने दोनों की तस्वीरें शामिल नहीं करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दिए गए कारणों को खारिज किया. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने स्टालिन सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों की तस्वीरें शतरंज ओलंपियाड 2022 से संबंधित सभी विज्ञापनों में दिखाई दें. इसके साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाले विज्ञापनों में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
कोर्ट ने स्टालिन सरकार को दिया ये आदेश
#UPDATE: Madurai bench of Madras HC has ordered the TN govt to ensure that photos of both the President & PM appear in all advertisements related to Chess Olympiad 2022. Strict action should be taken against those involved in the tampering of ads with photos of the President & PM pic.twitter.com/1gsaJtGqK8
— ANI (@ANI) July 28, 2022
मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कहा
पीठ ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रम के मामले में राष्ट्रीय हित और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भले ही राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री जैसे गणमान्य व्यक्ति किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए निमंत्रण स्वीकार करते हैं या नहीं, विज्ञापनों में उनकी तस्वीरें होनी चाहिए क्योंकि वे अतंरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. दरअसल, पीठ ने मदुरै निवासी आर राजेश कुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निपटारा करने के दौरान यह टिप्पणी की.
याचिकाकर्ता ने अदालत से कही थी ये बात
बता दें कि याचिका में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक मामल्लापुरम में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड के सभी विज्ञापनों में केवल राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की तस्वीर के इस्तेमाल को अवैध, मनमाना और कई मामलों में शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करार दिया था. याचिकाकर्ता ने अदालत से तमिलनाडु सरकार को विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें शामिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.
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(भाषा से इनपुट के साथ)