बकरीद के मौके पर त्रिपुरा सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि अगरतला के शहरी इलाकों में पशुओं की कुर्बानी नहीं दी जा सकेगी. पशु संसाधन विकास विभाग के सचिव डॉ. टीके देबनाथ ने शनिवार को इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि बकरीद (Eid-Al-Adha) के अवसर पर अगरतला के शहरी क्षेत्रों में किसी भी पशुओं की कुर्बानी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसे दंडित भी किया जाएगा.
डॉ देबनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘रविवार को अगरतला के शहरी इलाकों में किसी भी पशुओं के वध की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम 2001 से संबंधित है. अगर शहर में ऐसा हुआ तो वध को पूरी तरह से अवैध माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जाएगा.’ इस दौरान डॉ देबनाथ के साथ पशु संसाधन विकास विभाग के निदेशक डीके चकमा भी मौजूद थे. उन्होंने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम 2001 का हवाला देते हुए कहा कि इसको लेकर पूरे देश में संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है.
प्रवर्तन विभाग और DGP को सख्त आदेश
आदेश के मुताबिक, निर्दिष्ट स्थानों पर जानवरों के वध की अनुमति दी जाएगी बशर्ते पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (1960) के तहत दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए. पशु संसाधन विकास विभाग के सचिव डॉ टीके देबनाथ ने आगे कहा कि प्रवर्तन विभाग और राज्य के डीजीपी को सूचित कर दिया गया है कि वो इस अधिसूचना को गंभीरता से लें.
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