राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और मणिपुर के राज्यपाल ला. गणेशन (Manipur Governor La Ganesan) को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. राष्ट्रपति भवन ने इस संबंध में रविवार को बयान जारी किया. गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, इसी कारण उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया है. बीजेपी ने शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए धनखड़ के उम्मीदवारी की घोषणा की थी.
राष्ट्रपति भवन ने देर रात जारी बयान में कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.’ बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति को मणिपुर के राज्यपाल ला. गणेशन को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए खुशी हो रही है. उसमें कहा गया है कि वह स्थाई व्यवस्था होने तक अपने कामकाज के साथ ही अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे.
जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा
President Ram Nath Kovind accepts the resignation of Jagdeep Dhankhar as Governor of West Bengal
Manipur Governor La. Ganesan appointed to discharge the functions of WB Governor, in addition to his own duties, until regular arrangements are made.
(file photo) pic.twitter.com/hsCBlNuzma
— ANI (@ANI) July 17, 2022
2019 के जुलाई बने थे बंगाल के राज्यपाल
बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संसदीय बोर्ड की बैठक हुई थी. इसी बैठक में धनखड़ के नाम पर मुहर लगी. बैठक खत्म होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की. जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ समाजवादी पृष्ठभूमि के रहे हैं और वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2019 जुलाई में उन्हें बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
नड्डा ने धनखड़ को बताया था किसान पुत्र
नड्डा ने धनखड़ को किसान पुत्र बताया और कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में खुद को जनता के राज्यपाल के रूप में स्थापित किया. नड्डा ने कहा कि धनखड़ एक साधारण किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को पार करते हुए अपने जीवन में उच्च लक्ष्य प्राप्त करने तथा देश की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
(भाषा इनपुट के साथ)