भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आने के बाद, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के विशेषज्ञों ने कहा कि वायरल बीमारी की संक्रामकता कम है लेकिन यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ पीयूष रंजन ने कहा, “मंकीपॉक्स की संक्रामकता कम है लेकिन यह बच्चों में घातक हो सकती है. COVID-19 संक्रमण में संक्रामक दर बहुत ज़्यादा होता है, लेकिन एक संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने के बाद मंकीपॉक्स का संक्रमण होता है. इसलिए COVID में संक्रमण की दर ज़्यादा है और एक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन, मंकीपॉक्स कम संक्रामक होता है.”
मंकीपॉक्स के लक्षण
लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉ रंजन ने कहा, “मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक और चिकनपॉक्स की तरह होते हैं. शुरुआत में, इससे संक्रमित मरीज़ों को बुखार और लिम्फ नोड्स का बढ़ जाता है. 1-5 दिनों के बाद मरीज के चेहरे, हथेलियों या तलवों पर चकत्ते निकल सकते हैं. कॉर्निया में रैशेज हो सकते हैं जिससे अंधापन हो सकता है.” स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन के लिए शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किए. मंत्रालय ने आम जनता के लिए बीमारी के विरोधाभास से बचने के लिए कई बिंदुओं की एक लिस्ट जारी की है जिसमें बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचने और मृत या जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी है.
15 वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज स्थापित
आम जनता को भी सलाह दी गई है कि अगर किसी शख़्स को मंकीपॉक्स हो जाता है, या जानवरों के साथ निकट संपर्क में आता है तो उसे तुरंत पास के अस्पताल में जाकर डॉक्टर से मिलना चाहिए. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया कि देश भर में 15 वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज, जो भौगोलिक रूप से अच्छी तरह से वितरित और रणनीतिक रूप से स्थित हैं, को पहले ही ICMR-NIV के संबंध में पुणे द्वारा डायग्नोस्टिक टेस्ट में प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि देश में मंकीपॉक्स के लिए तैयारियों में मदद मिल सके.
भारत में पाया गया मंकीपॉक्स का मरीज़ दूबई यात्रा कर भारत लौटा है. शख़्स केरल का रहना वाला था जो तीन दिन पहले ही भारत आया है. गुरुवार को शख़्स की वायरल बीमारी मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स की पुष्टि के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च-स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम भेजी है. केरल की केंद्रीय टीम में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के डॉ आरएमएल अस्पताल और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केरल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषज्ञ शामिल थे.
50 देशों फैल चुका है मंकीपॉक्स
ग़ौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ 1 जनवरी 2022 से 22 जून 2022 के बीच मंकीपॉक्स 50 देशों में फैल चुका है जिसके अबतक 3,413 मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि वायरल संक्रमण से एक शख़्स की मौत हो गई है. इनमें से अधिकांश मामले यूरोपीय क्षेत्र (86 फीसदी) और अमेरिका (11 फीसदी) से सामने आए हैं. वहीं संक्रमण अभी भी वैश्विक स्तर पर छिटपुट तौर पर दर्ज किए जा रहे हैं.
(इनपुट : एएनआई)