महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी कुछ हो रहा है. यहां जारी राजनीतिक उठापटक (Maharashtra Political Crisis) में नया मोड़ आया है, जहां शिवसेना के सभी 37 बागी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है और घोषणा की है कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे. इसके अलावा कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र सरकार राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल जुटाने के मकसद से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार को अस्थिर करने का खेल कर रही हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने यह भी कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने महा विकास आघाड़ी सरकार से उनकी पार्टी के बाहर निकलने की संभावना संबंधी बयान इसलिए दिया होगा ताकि उनके विधायक वापस लौटकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष अपनी बात रख सकें. आइए एक नजर डालते हैं इस पूरे मामले से जुड़े ताजा अपडेट्स पर…
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र की सरकार गिराने के लिए बहुत कोशिश कर रही है. शिवसेना के विधायकों को पहले सूरत और फिर गुवाहाटी ले जाया गया. यह भाजपा का खेल है. महा विकास आघाड़ी सरकार एक मजबूत सरकार है, लेकिन भाजपा उसे अस्थिर करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि गैर भाजपा कोई भी सरकार अस्तित्व में नहीं रहे. राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें संख्या बल की जरूरत है. इस कारण वे इस चुनाव के समय भी सरकार गिराना चाहते हैं.
- शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने टीवी9 भारतवर्ष एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि 37 का मैजिकल नंबर हमारे साथ है और हम एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से अभी संपर्क नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि आज की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी. उनके मुताबिक, किसी भी विधायक को निलंबित नहीं किया जा सकता है.
- शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच पार्टी सांसद संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का ग्रुप 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है.
- कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़े एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा विश्वास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर है. हम अपने महाराष्ट्र के साथियों के साथ संपर्क में हैं. हमें भरोसा है कि स्थिर सरकार को गिराने और राज्य को अस्थिरता में ले जाने की भाजपा की मंशा सफल नहीं होगी. उन्होंने दावा किया कि ऐसे समय में जब बाढ़ आई हुई है और किसान और नौजवान परेशान हैं, कई जगहों पर भ्रष्टाचार है, तब भाजपा इन मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
- शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को डिप्टी स्पीकर, राज्यपाल और विधानमंडल सचिव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने खुद को विधायक दल का नेता बताया है. साथ ही भरत गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त किए जाने की जानकारी दी है. उनके इस पत्र पर शिवसेना के 37 विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं. अभी शिंदे को 37 विधायक सहित 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है.
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा. शिवसेना सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों के विद्रोह के कारण हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है.
- उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें शिवसेना के भीतर विद्रोह में भाजपा की भूमिका नजर नहीं आती, पवार ने कहा कि वह अपने भतीजे से सहमत नहीं हैं. शरद पवार ने कहा, ‘अजीत पवार ने ऐसा इसलिए कहा होगा, क्योंकि वह महाराष्ट्र के बाहर के भाजपा नेताओं को नहीं जानते हैं. मैं उन्हें जानता हूं. यहां तक कि एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.’
- पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे. पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है.
- शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बगावती तेवरों के कारण महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट गहराने के बीच पार्टी के मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा गया कि विश्वासघाती विधायकों को समय रहते अपने तरीके सुधार लेने चाहिए. इसमें कहा गया है कि जो विधायक भाजपा के दबाव की रणनीति और प्रलोभन के आगे झुक गए हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अगर शिवसेना के आम कार्यकर्ताओं ने अपना मन बना लिया तो वे स्थायी रूप से पूर्व हो जाएंगे.
- महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने गुरु वार को कहा कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किये जाने को मंजूरी दे दी है. शिवसेना ने पार्टी से विद्रोह करने और पार्टी के कुछ विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले जाने के कुछ घंटे बाद मंगलवार को शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। शिंदे के कदम से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर खतरा मंडराने लगा, जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं.