दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की वार्षिक बैठक के दौरान जब वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) से जब पूछा गया कि क्या भारत रूसी आयात के लिए रूबल में भुगतान करेगा या नहीं, इसके जवाब में गोयल ने कहा कि प्रत्येक देश को अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखना होता है. हमारे हित या जरूरत यूरोपीय देशों से अलग नहीं हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा अपनी पेट्रोलियम आवश्यकताओं के लिए विविध स्रोतों को देखा. मौजूदा समय में जब मुद्रास्फीति सर्वकालिक उच्च स्तर पर है, जिससे दुनिया भर के लोगों को तनाव हो रहा है, यूरोपीय संघ और यूरोपीय देश भारत की तुलना में अधिक मात्रा में रूस से तेल खरीदना जारी रखे हैं. वहीं, रूस से तेल पर भारत की निर्भरता को लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम कभी भी रूस से पेट्रोलियम उत्पादों के बहुत बड़े आयातक नहीं रहे हैं. कोई भी सुझाव कि भारत, रूस से आयात बढ़ा रहा है या इस स्थिति में योगदान दे रहा है, जांच के लायक नहीं है.
Davos | Every country has to look after its national interests. Our interests or needs are no different from those of the European nations: Union Minister Piyush Goyal on being asked whether or not India will pay in Ruble for Russian imports pic.twitter.com/P0IUz19uGW
— ANI (@ANI) May 25, 2022
भारत डब्ल्यूटीओ के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है- पीयूष गोयल
बता दें कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक नगोजी ओकोंजो इविला से मुलाकात की और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. यहां विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 से इतर आयोजित एक बैठक में गोयल ने कहा कि बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत डब्ल्यूटीओ के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है ताकि सदस्य देशों के बीच मुक्त और निष्पक्ष तरीके से व्यापार हो सके. वहीं गोयल ने स्विट्जरलैंड की विदेश मंत्री मैरी गेब्रियल इनिचेन फ्लेश से भी मुलाकात की और भारत-स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार सहयोग को बढ़ाने पर बातचीत की.
दावोस में मंडाविया ने क्या कहा?
दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान एक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि भारत कोविड-रोधी टीके की उपलब्धता और टीकाकरण में अफ्रीका का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने चिकित्सा संबंधी मामलों पर अफ्रीकी देशों की अनुसंधान और विकास क्षमता को बढ़ाने में भी सहयोग देने का आश्वासन दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि किस तरह भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए महामारी के दौरान दुनिया भर के 100 से अधिक देशों को कोविड-रोधी टीके की आपूर्ति और 150 देशों को दवाएं उपलब्ध कराके लाखों लोगों की जान बचाई.
मंडाविया ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी के साथ डब्ल्यूईएफ के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब से भी मुलाकात की और वैश्विक स्वास्थ्य संरक्षण और कोविड महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में भारत की भूमिका पर भी चर्चा की.
(भाषा से इनपुट के साथ)