कन्नड़ एक्शन फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ (KGF Chapter 2) में रॉकी के किरदार की नकल करना हैदराबाद के एक 15 वर्षीय छात्र को भारी पड़ गया है. कन्नड़ स्टार यश के ‘रॉकी स्टाइल’ (Rocky) से इंस्पायर होकर छात्र ने इतनी सिगरेट पी ली कि उसे गंभीर खांसी और गले में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. ये मामला हैदराबाद (Hyderabad) के राजेंद्रनगर का है. 15 वर्षीय छात्र को फिल्म में यश (KGF Actor Yash) का ‘रॉकी स्टाइल’ इतना भा गया कि उसे कॉपी करने के चक्कर में वो सिगरेट का पूरा एक पैकेट पी बैठा, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई.
जानकारी के मुताबिक, छात्र ने ‘केजीएफ चैप्टर 2’ के रिलीज होने के दूसरे हफ्ते में ये फिल्म देखी. इस फिल्म में रॉकी का किरदार कन्नड़ एक्टर यश ने निभाया है. यश के इसी किरदार ने छात्र को अपनी ओर इतना आकर्षित किया कि वो अपनी जान जोखिम में डाल बैठा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र ने एक दिन में केजीएफ चैप्टर 2 (KGF Chapter 2) फिल्म को तीन बार देखा. इस दौरान वो फिल्म में लीड रोल प्ले कर रहे रॉकी भाई से काफी ज्यादा प्रभावित हो गया. जिसके बाद उसमें रॉकी जैसा बनने की तलब उठी.
‘रॉकी भाई’ के रोल से हुआ प्रभावित
छात्र ने एक के बाद एक सिगरेट पीते-पीते पूरी एक पैकेट सिगरेट पी डाली. इसके बाद उसे गंभीर खांसी होने लगी. छात्र ने गले में दर्द की भी शिकायत की, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हैदराबाद के सेंचुरी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने शनिवार को जानकारी दी कि छात्र का ट्रीटमेंट किया गया है. ट्रीटमेंट के साथ-साथ उसकी काउंसलिंग भी की गई है. सेंचुरी हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ रोहित रेड्डी ने बताया कि फिल्में समाज का एक बहुत ही प्रभावशाली और महत्वपूर्ण अंग होती हैं. ऐसे में फिल्म डायरेक्टर और एक्टर्स की ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे सिगरेट पीने, तंबाकू खाने या शराब पीने जैसे कृत्यों को ग्लैमराइज ना करें. हालांकि आजकल अधिकतर फिल्मों में इसका प्रचार-प्रसार देखने को मिलता है.
पैरेंट्स बच्चों की एक्टिविटी पर रखें नजर
उन्होंने आगे कहा कि ‘रॉकी भाई’ जैसे कैरेक्टर युवाओं के दिमाग पर बुरा असर डालते हैं. बच्चों के माता-पिता के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं और कौन से फैक्टर्स उनको प्रभावित कर रहे हैं. माता-पिता को बच्चों की हर एक्टिविटी पर नजर रखनी चाहिए. बाद में पछताने के बजाय ये जरूरी है कि पैरेंट्स तंबाकू, धूम्रपान और शराब पीने जैसे कृत्यों के बुरे प्रभावों के बारे में बच्चों को अभी बताएं और उनमें जागरूकता पैदा करें.