इस समय मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान (Ramadan 2022) चल रहा है. इस पवित्र महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं. 3 अप्रैल से शुरू हुआ रमजान का ये पर्व 2 या 3 मई को ईद त्योहार (Eid al-Fitr) के साथ समाप्त होगा. आज 18 अप्रैल को रमजान महीने का सोलहवां दिन है. इसका मतलब यह है कि लोग आज 16वां रोजा रख रहे हैं. रमजान में मुसलमान समुदाय के लोग पांच समय की नमाज (Namaz) पढ़ते हैं. इसमें सुबह की नमाज जिसे फज्र, दोपहर की नमाज जिसे ज़ुहर (दुहर), शाम से पहले की नमाज जिसे असर, शाम के वक्त की नमाज जिसे मगरिब और शाम के बाद रात में पढ़ी जाने वाली नमाज जिसे इशा कहते हैं.
इस पूरे माह मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त बिना खाएं-पिएं रोजा रखते हैं. रमजान के महीने में सुबह के वक्त सहरी खाई जाती है, जिसके साथ ही रोजे की शुरुआत हो जाती है. इसके बाद शाम के समय सूरज ढलने के वक्त इफ्तार किया जाता है, जिसके साथ ही एक दिन तक रखा गया रोजा समाप्त हो जाता है. रमजान महीने में चांद का बहुत अधिक महत्व होता है, क्योंकि चांद दिखाई देने के बाद ही इसकी शुरुआत होती है और रमजान का समापन भी चांद दिखने के साथ ही होता है. रमराज के दौरान रोजा रखना कतई आसान नहीं होता है, क्योंकि इस समय गर्मी का अपना कहर ढाना शुरू कर दिया है.
जानें क्या है आपके शहर में सहरी और इफ्तार की टाइमिंग
शहर | तारीख | सहरी टाइमिंग | इफ्तार टाइमिंग |
दिल्ली | 18 अप्रैल 2022 | 04:30 AM | 06:51 PM |
हैदराबाद | 18 अप्रैल 2022 | 04:41 AM | 06:52 PM |
लखनऊ | 18 अप्रैल 2022 | 04:18 AM | 06:34 PM |
पटना | 18 अप्रैल 2022 | 04:04 AM | 06:15 PM |
मुंबई | 18 अप्रैल 2022 | 05:03 AM | 06:57 PM |
कोलकाता | 18 अप्रैल 2022 | 03:56 AM | 05:59 PM |
रोजे को लेकर डॉक्टर भी देते हैं सलाह
रमजान में रोजे रखते वक्त डॉक्टर इस बात की सलाह जरूर देते हैं कि लोग खाने के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें और लापरवाही बिल्कुल न करें. उनका मानना है कि इस भीषण गर्मी में 15 से 16 घंटे तक खाली पेट रहने और पानी भी नहीं पीने की वजह से डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है. इसलिए उन्हें एहतियात बरतनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर ही रोजा रखना चाहिए. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को सहरी और इफ्तार के समय चाय या कॉफी से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे एसिडिटी बढ़ती है. डॉक्टरों ने इसकी वजह शिकंजी या नींबू पानी पीने की सलाह दी.