रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine war) शुरू हुए 41 दिन हो चुके हैं और इस जंग में खासी तबाही मची है. यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं तो बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं. यूक्रेन संकट को लेकर पूरी दुनिया में चिंता बनी हुई है, यूरोप में बने अस्थिरता के माहौल के बीच भारत भी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में आज मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में नियम 193 के तहत यूक्रेन संकट के मुद्दे पर चर्चा (discussion under Rule 193) होगी. आज के Live अपडेट्स के लिए लगातार पेज पर बने रहें…
केंद्रीय मंत्रियों के साथ PM मोदी की बैठक
संसद में जारी बजट सत्र के लिए विभिन्न मुद्दों और सरकार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में गृह मंत्री अमित शाह, प्रह्लाद जोशी, किरेन रिजिजू सहित बाकी के केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
PM Narendra Modi is holding a meeting with Union ministers including Amit Shah, Pralhad Joshi, Kiren Rijiju in Parliament, to discuss various issues and government strategy for the ongoing Budget Session.
(File pic) pic.twitter.com/juWe7aFCOj
— ANI (@ANI) April 5, 2022
यूक्रेन संकट पर चर्चा के लिए सहमति
इससे पहले लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (Business Advisory Committee) में स्पीकर ओम बिरला ने कई राजनीतिक दलों की मांग के बाद इस पर अल्पावधि के लिए चर्चा की अनुमति देने पर सहमति जताई थी. नियम 193 के लिए नोटिस आरएसपी के लोकसभा सांसद एनके. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी दी थी. इस मुद्दे पर करीब दो घंटे तक चर्चा होने की संभावना है, जिसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर इसका जवाब देंगे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चर्चा में हो सकते हैं शामिल
माना जा रहा है कि सरकार नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी चर्चा में हस्तक्षेप करने के लिए कहने के विकल्प पर भी विचार कर रही है. नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में सिंधिया ने भारतीयों को यूक्रेन में फंसे लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए विमान उड़ाने को लेकर निजी एयरलाइंस सहित कई विभिन्न एयरलाइनों के प्रयासों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जबकि संसद के सदस्य चाहते हैं कि वर्तमान में यूक्रेन में स्थिति कैसी है और यूक्रेन तथा रूस को लेकर भारत का क्या रुख है और यह भी कि भारत सरकार युद्ध से ऑपरेशन गंगा के तहत वापस लाए गए छात्रों को समायोजित करने के लिए क्या करने की योजना बना रही है, के बारे में सरकार अपनी योजना बताए.
26 फरवरी को शुरू हुई थी ऑपरेशन गंगा
यूक्रेन पर हमला शुरू होने के 2 दिन बाद 26 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया था. बुखारेस्ट से पहली निकासी उड़ान 27 फरवरी को 249 नागरिकों के साथ नई दिल्ली पहुंची. यह ऑपरेशन गंगा 11 मार्च तक जारी रही.
संसद सदस्य रूस और यूक्रेन के संबंध में भारत सरकार के रुख को भी समझना चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि यह भू-राजनीतिक स्थान को कैसे प्रभावित करता है. संकट के कारण प्रभावित ईंधन की कीमतों पर सदस्यों द्वारा सरकार से प्रतिक्रिया लेने की संभावना है.
साथ ही कई छात्र जो चिकित्सा शिक्षा के लिए यूक्रेन के कई कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन हमले के बाद यूक्रेन में तबाही मचने के बाद छात्रों के भविष्य का क्या होगा. इस पर भी सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे. 22,000 से अधिक भारतीयों, प्रमुख रूप से छात्रों को 80 से अधिक उड़ानों में वापस लाया गया. भारत ने बांग्लादेश और नेपाल के नागरिकों सहित कई अन्य लोगों को भी बचाया.
इस मिशन में चार केंद्रीय मंत्रियों किरन रिजिजू, हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जनरल वीके सिंह को पड़ोसी देशों में भेजा गया ताकि निकासी के प्रयासों में समन्वय हो सके.
ये भी पढ़ें