डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने 90 पायलटों के बोइंग 737 मैक्स उड़ाने पर रोक लगा दी है. डीजीसीए की संतुष्टि के लिए उन्हें फिर से ट्रेनिंग लेनी होगी. डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक अरुण कुमार ने ये जानकारी दी है. इन पायलटों को नोएडा में एक फैसिलिटी में सिम्युलेटर ट्रेनिंग दी गई थी.यह प्रणाली बोइंग फॉर मैक्स (Boeing 737 MAX) द्वारा डेवलप एक विवादास्पद फ्लाइट स्टेबलाइजिंग प्रोग्राम है. इसे अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 में लॉयन एयर और इथियोपियन एयरलाइंस बी737 मैक्स दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार पाया गया, जिसमें 346 लोगों की जान चली गई थी.
इतनी बड़ी संख्या में पायलटों को विमान संचालन से रोकने के बाद विमान कंपनियों में खलबली मच गई है. दरअसल, डीजीसीए की ओर से यह कदम तब उठाया गया है, जब उन्हें सिम्युलेटर प्रशिक्षण में खामियों का पता चला.
महानिदेशक अरुण कुमार ने दी जानकारी
90 pilots have been restrained from flying the Boeing 737 MAX. They will have to undergo training again to the satisfaction of DGCA: DGCA Director-General Arun Kumar to ANI.
— ANI (@ANI) April 13, 2022
आखिर क्या है उड़ान रोकने की वजह
DGCA द्वारा लिए गए एक्शन की पुष्टि करते हुए, स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘डीजीसीए ने 90 पायलटों के प्रशिक्षण प्रोफाइल पर एक अवलोकन किया था. खामियां सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि पूरा पायलट प्रशिक्षण भी जांच के दायरे में है. इसलिए डीजीसीए के निर्देशों के अनुसार स्पाइसजेट ने 90 पायलटों को मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया है.’ ये पायलट डीजीसीए की संतुष्टि के लिए फिर से प्रशिक्षण से गुजरेंगे.
स्पाइसेजट एयरलाइन के बेड़े में वर्तमान में 13 बोइंग 737 मैक्स विमान हैं जिनमें से वह 11 का संचालन करती है. इन्हें उड़ाने के लिए 144 पायलटों की आवश्यकता हैएयरलाइन का कहना है कि इन विमानों पर संचालित होने वाली 60 दैनिक उड़ानें प्रभावित नहीं होंगी.स्पाइसेजट के पास फिलहाल मैक्स विमान पर 560 ट्रेनड पायलट हैं. सामान्य संचालन जारी रखने के लिए प्रशिक्षित पायलट की संख्या पर्याप्त से अधिक है.मैक्स सिम्युलेटर पर एमसीएएस के लिए सही पायलट प्रशिक्षण इस विमान को सुरक्षित रूप से उड़ाने की कुंजी है
चीन में भी लगी थी रोक
चीन में भी एयरलाइंस रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने बोइंग 737 मैक्स को तकनीकि रूप से उन्नत किए जाने के बाद इसकी उड़ानों की मंजूरी दी थी. चाइना एविएशन डेली ने चीन के नागरिक उड्डयन प्रशासन के हवाले से खबर दी थी कि चीन के विमान चालकों को वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने से पहले नए सिरे से ट्रेनिंग लेनी होगी. हालांकि, चीन के लिए यह फैसला गलत साबित हुआ और अनुमति के तीन महीने बाद ही विमान फिर से दुर्घटना का शिकार हो गया.