नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajiv Kumar) के इस्तीफे के बाद अब उनका पद अर्थशास्त्री सुमन बेरी को मिल गया है. सुमन बेरी को नीति आयोग का अगला उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बेरी (Suman Bery) 2001 से 2011 तक यानी 10 सालों तक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च या NCAER, जो देश की अग्रणी स्वतंत्र नीति अनुसंधान संस्थान में से एक है, इसके डायरेक्ट जनरल थे. वो वाशिंगटन डीसी में वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स के एशिया प्रोग्राम में ग्लोबल फेलो हैं. बेरी ब्रसेल्स में स्थित एक इकोनोमिक पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूशन नॉन रेजिडेंट फेलो भी हैं.
साल 2012 की शुरुआत से साल 2016 के मध्य तक बेरी द हेग (नीदरलैंड) में स्थित शेल इंटरनेशनल के मुख्य अर्थशास्त्री थे. उन्होंने ग्लोबल इकोनॉमिक और पॉलिटिकल डेवलपमेंट पर रॉयल डच शेल के बोर्ड और मैनेजमेंट को सलाह भी दी है. वह शेल के ग्लोबल सिनेरियो ग्रुप की सीनियर लीडरशिप का हिस्सा भी रहे हैं. शेल में रहते हुए सुमन ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सिनेरियो मॉडलिंग को लागू करने के लिए भारतीय थिंक टैंक के साथ एक कॉलेबोरेटिव प्रोजेक्ट का नेतृत्व भी किया था.
NCAER में 10 साल तक निभाई जिम्मेदारी
सुमन ने नई दिल्ली में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) के डायरेक्ट जनरल (मुख्य कार्यकारी) भी रह चुके हैं. डायरेक्ट जनरल के अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान सुमन कई बार प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं. वह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने एक बिजनेस न्यूजपेपर के मंथली कॉलम में भी अपना योगदान दिया है और आर्थिक मुद्दों पर मीडिया में कई बार टिप्पणी की है.
कई देशों से प्राप्त किया अनुभव
एनसीएईआर से पहले, सुमन वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में विश्व बैंक के साथ थे, जिसमें उन्होंने यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम के माध्यम से ज्वाइन किया था. बैंक में अपने करियर के दौरान उन्होंने फाइनेंशियल सेक्टर के डेवलपमेंट और देश की पॉलिसी और स्ट्रेटेजी पर रिसर्च किया था, खासतौर से लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में. उन्होंने ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली और पेरू जैसे देशों में जाकर अलग-अलग अनुभव प्राप्त किए हैं. लैटिन अमेरिका में बेरी ने जो काम किया है और फाइनेंशियल सेक्टर में जिस तरह से सुधार लाने का प्रयास किया था. इसको देखते हुए उनको 1992 और 1994 के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का विशेष सलाहकार नियुक्त किया गया था.