भारत-अमेरिका (India-us Relation) के बीच टू-प्लस-टू मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए अमेरिका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कोरोना महामारी पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, पिछली साल भारत में हमने कोविड (Covid-19) के डेल्टा वेरिएंट की एक बहुत ही गंभीर लहर का सामना किया. इस दौरान देश में ऑक्सीजन, श्वासयंत्र और कुछ दवाओं की भारी मांग थी. बहुत सारे देश मदद के लिए आगे आए लेकिन एक देश जो वास्तव में मदद के लिए सबसे आगे रहा, वो अमेरिका था.कोविड का अनुभव हम सभी के लिए काफी तनावपूर्ण रहा है.
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंध की तरफ इशारा करते हुए कहा, इसने हमें यह भी दिखाया कि दुनिया भर में दोस्ती और रिश्ते क्या कर सकते हैं. हम भारत में 3 कोविड वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं, जो अमेरिका के साथ हमारे संबंधों का प्रत्यक्ष परिणाम हैं. विदेश मंत्री ने आगे कहा, दोनों देशों के नीति-निर्माता हमारे शैक्षिक सहयोग से आने वाले अपार परिवर्तन से भली-भांति परिचित हैं. हमारी 2020 की राष्ट्रीय शैक्षिक नीति शिक्षा भी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता देती है.
2021 को बताया महान उपलब्धि
जयशंकर ने कहा कि वह इसे 2021 की महान उपलब्धि मानते हैं कि भारत अमेरिका की मदद से उत्पादन बढ़ा सकता है. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की भी सराहना की, उन्होंने कहा, ब्लिंकन ने वास्तव में अमेरिकी प्रणाली को स्थानांतरित करने और चीजों को प्राप्त करने के लिए एक बेहतर रास्ता अपनाया
बता दें विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों और विद्वानों और शोधकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उनके साथ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी छात्रों को संबोधित किया. यहां उन्होंने ‘यूएस-इंडिया हायर एजुकेशन डिस्कशन’ विषय पर अपनी बात रखी. इस आयोजन को दोनों देशों के बीच ‘शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण पर कार्य समूह’ बनाने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है. वाशिंगटन में हावर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान ही जयशंकर ने याद किया कि कैसे सभी देशों के लिए COVID का अनुभव काफी तनावपूर्ण रहा है.
हावर्ड विश्वविद्यालय में छात्रों को किया संबोधित
जयशंकर ने ब्लिंकेन की उपस्थिति में कहा कि हम स्वाभाविक भागीदार तभी बनते हैं जब हमारे लोगों में जुड़ाव की मजबूत भावना होती है. जयशंकर ने कहा कि ‘हावर्ड विश्वविद्यालय केवल हमारे साझा अतीत का हिस्सा नहीं है. यह भविष्य का भी एक हिस्सा है जो हमारी प्रतीक्षा कर रहा है. हमारा मानना है कि हमारे भविष्य में एक बड़ी भूमिका दोनों देशों के बीच संबंधों द्वारा निभाई जाएगी. दोनों देशों के संबंधो में पिछले दो दशकों में काफी सकारात्मक परिवर्तन आया है.