बेंगलुरु नगर निकाय ने 10 अप्रैल को राम नवमी (Rama Navami) के अवसर पर मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike) के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने एक आदेश में कहा कि राम नवमी के अवसर पर कसाई घरों और मांस की बिक्री (meat sales) पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता की ओर से तीन अप्रैल को जारी एक परिपत्र के आधार पर ये आदेश जारी किया गया है. महानगर पालिका के एक अधिकारी ने कहा कि हर साल राम नवमी, गांधी जयंती, सर्वोदय दिवस और अन्य धार्मिक मौकों पर पशु वध और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहता है.
देश की राजधानी दिल्ली और यूपी के कुछ शहरों समेत देश के कुछ हिस्सों में नवरात्रि के दौरान मांस की बिक्री पर लगाए गए इसी तरह के प्रतिबंधों पर हंगामे के बीच बेंगलुरु में ये नया आदेश आया है. वहीं इससे पहले दिन में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने नौ दिनों के लिए जारी किए बंद के आदेशों का उल्लंघन करने पर मांस बेचने वालों के लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी थी.
नगर आयुक्त की ओर से ही लिया जा सकता है फैसला
दक्षिण और पूर्वी दिल्ली के मेयर ने मंगलवार को अपने अधिकार क्षेत्र में मांस की दुकानों को नवरात्रि के दौरान बंद रखने के लिए कहा था और कहा कि इन नौ दिनों के लिए ज्यादातर लोग मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करते हैं. हालांकि नगर निकायों की ओर से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था. मेयर के पास ऐसे आदेश जारी करने की शक्ति नहीं है और ऐसा फैसला केवल एक नगर आयुक्त द्वारा ही लिया जा सकता है.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान ने गुरुवार को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा कि इस विषय के बारे में खबरों में देखा गया है कि मेयर अपने आप में एक कानून के रूप में काम कर रहे हैं. वो जो मांग कर रहे हैं, वो संविधान में बुनियादी मुफ्त गारंटी का उल्लंघन करता है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों को बंद नहीं करने पर गंभीर कार्रवाई की धमकी के बाद शहर के मांस की बिक्री करने वाले बाजारों में दहशत फैल गई.
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(इनपुट- भाषा के साथ)