कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जमीन से संबंधित एक मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक ‘विशेष आपराधिक मामला’ (‘Special Criminal Case’) दर्ज करने का आदेश दिया है. कर्नाटक में सांसदों विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए स्थापित विशेष अदालत के सत्र न्यायाधीश बी जयंत कुमार ने एक निजी शिकायत के आधार पर 26 मार्च को यह आदेश जारी किया है. यह मामला उस समय का है जब येदियुरप्पा 2006-07 में भारतीय जनता पार्टी भाजपा-जनता दल (सेक्लुर) गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे.
आदेश में कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोपी नंबर 2 बी. एस. येदियुरप्पा के खिलाफ एक विशेष आपराधिक मामला दर्ज किया जाए. सीआरपीसी की धारा 204 (2) के तहत आवश्यक गवाहों की लिस्ट दाखिल करने के बाद ही आरोपी नंबर दो को उनकी उपस्थिति के लिए समन जारी करें और प्रक्रिया शुल्क का भुगतान किया जाए.
येदियुरप्पा ने निजी व्यक्तियों का लिया पक्ष
शिकायतकर्ता के अनुसार, कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित करने के लिए बेलंदूर, देवरबीसनहल्ली, करियाम्मना अग्रहारा और अमानीबेलंदूर खाने में 434 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया. येदियुरप्पा ने बिना किसी सार्वजनिक लाभ के निजी व्यक्तियों का पक्ष लिया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता ने येदियुरप्पा के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनाया है, जिसे उचित प्रक्रिया के बाद अदालत में सुना जाना है.
येदियुरप्पा अब इस मामले में एकमात्र आरोपी हैं. मामले की जांच करने वाली लोकायुक्त पुलिस ने येदियुरप्पा को क्लीन चिट देते हुए मामले में ‘बी’ रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया था कि अवैध संतुष्टि का कोई सबूत नहीं है. हालांकि स्पेशल कोर्ट ने 2021 में बी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.वासुदेव रेड्डी की ओर से 2013 में दायर की गई मूल शिकायत में येदियुरप्पा दूसरे आरोपी है. इसमें तत्कालीन उद्योग मंत्री आर. वी. देशपांडे आरोपी नंबर एक थे. हालांकि, देशपांडे के खिलाफ मामला 2015 में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस मामले में अब येदियुरप्पा एकमात्र आरोपी हैं.
वहीं पिछले साल फरवरी माह में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक विशेष अदालत को निर्देश दिया था कि वे सीएम येदियुरप्पा पर लगे आरोपों का संज्ञाल लेने और 2012 में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दायर किए गए आरोप-पत्र के आधार पर कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था. बी. एस. येदियुरप्पा ने हाईकोर्ट के 21 मार्च के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई और शीर्ष न्यायालय ने मामले पर फिलहाल रोक लगाने का आदेश दिया था.