भारत ने रूस (Russia) से रियायती दर पर तेल खरीदने की संभावना से बृहस्पतिवार को इनकार नहीं किया और कहा कि वह बड़ा तेल आयातक (Oil import) होने की वजह से हमेशा सभी संभावनाओं पर विचार करता है.मीडिया से संवाद के दौरान यह पूछे जाने पर क्या भारत रूस द्वारा सस्ते में कच्चे तेल (Crude Oil) देने की पेशकश पर विचार कर रहा है विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल आयात करता है, उसकी जरूरतें आयात से पूरी होती हैं. इसलिए हम वैश्विक बाजार में सभी संभावनाओं का दोहन करते रहते हैं, क्योंकि इस परिस्थिति में हमें अपने तेल की जरूरतों के लिए आयात का सामना कर पड़ रहा है.’’
बागची ने कहा कि रूस, भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला प्रमुख आपूर्तिकर्ता नहीं रहा है.उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेखांकित करना चाहता हूं कि कई देश कर रहे हैं, खासतौर पर यूरोप में और इस समय मैं इसे उसपर छोड़ता हूं.’’उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रमुख तेल आयातक हैं और हम इस मौके पर अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.बागची से जब पूछा गया कि यह खरीददारी रुपये-रूबल समझौते के आधार पर हो सकता है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पेशकश की विस्तृत जानकारी नहीं है.
यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत सभी पक्षों के संपर्क में
रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के भारत-रूस कारोबार पर पड़ने वाले असर के अन्य सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि भारत इंतजार करेगा.उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का उसका हमारे रूस के साथ आर्थिक लेनदेन पर पड़ने वाले असर के आंकलन का इंतजार करेंगे.’’यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के संबंध में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि भारत सभी पक्षों के संपर्क में है.
भारतीय करेंसी को मजूबती मिलेगी
अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (स्विफ्ट) तक रूस की पहुंच रुकने से सौदा भारतीय रुपए और रूसी रूबल में करने पर बात हो रही है. भुगतान ऐसे भारतीय बैंकों से हो सकता है जिनकी पश्चिमी देशों में ब्रांच न हो. ऐसा हुआ तो पेट्रो मार्केट में डॉलर का एकाधिकार टूटेगा. चीन भी सऊदी अरब से अपनी मुद्रा युआन में क्रूड खरीदने की बातचीत के अंतिम दौर में है. दरअसल, महंगे क्रूड से दुनियाभर में महंगाई का संकट है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें काबू में रहेंगी
सस्ता क्रूड आता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने का दबाव कम होगा. भारत अपनी जरूरत का 85% तेल आयात करता है. इसका महज 2-3% रूस से आता है. इस बीच अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत रूस से क्रूड लेता है तो उसे आपत्ति नहीं है, क्योंकि इससे किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं होता