भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश सहित 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) में बड़ी जीत हासिल की है. वह यह बात अच्छे से जानती है कि सोशल वेलफेयर स्कीमों (Social Welfare Scheme) का लाभ लेने वाले लोगों ने उन्हें इस बार जमकर अपना समर्थन दिया है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रालयों को अनुसूचित जाति और जनजाति, युवाओं और महिलाओं के संबंध में पिछले साढ़े सात वर्षों में सरकार की उपलब्धियों की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. इन उपलब्धियों का अध्ययन करने के लिए मंत्रियों का एक समूह स्थापित किया जाएगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमओ ने सभी संबंधित मंत्रालयों से डेटा मांगा है कि देशभर में कितनी सोशल स्कीम चल रही हैं, उनका कितने लोगों को फायदा मिला है और इसके लिए अब तक कितना बजट आवंटित हो चुका है. केंद्र सरकार की योजना यह है कि इसका देश भर में प्रचार किया जाए. इसके अलावा सरकार ने उन सभी योजनाओं के बारे में भी प्लान मांगा है, जिन्हें लॉन्च करने की योजना है.
9 मार्च को प्रधानमंत्री ने की इस नई योजना के बारे में बात
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि 9 मार्च को बीजेपी की एक कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री ने इस नई योजना के बारे में बात की थी और उपस्थित मंत्रियों से कहा था कि चूंकि उनके मंत्रालय समाज के वंचित वर्गों के लिए काम कर रहे थे, और उनके वार्षिक बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इन वर्गों के लिए खर्च किया गया था, इसलिए उन्हें अपनी उपलब्धियों को इकट्ठा करना होगा और उन्हें नोडल मंत्रालयों को भेजना होगा. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए नोडल मंत्रालय है, जबकि जनजातीय मामलों का मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मामलों को देखता है. इसके अलावा महिला, बाल विकास, युवा और खेल मामलों के लिए अलग मंत्रालय हैं.
जनता के लिए कई प्रकार की योजना लेकर आई है केंद्र सरकार
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि सभी मंत्रालय इन वर्गों के कल्याण में योगदान करते हैं. उदाहरण के लिए वंचित वर्गों को सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर प्रदान करने की उज्ज्वला योजना का प्रबंधन पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा किया जाता है, और इससे महिलाओं और गरीब परिवारों को लाभ होता है. कई अन्य मंत्रालय अपने बजट के एक बड़े हिस्से का उपयोग लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं, चाहे वह ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार प्रदान करना हो या वित्तीय समावेशन के लिए जन धन बैंक खाते बनाने हों.
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