पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) के भीतर विरोध के स्वर बढ़ने लगे हैं. इस बीच पार्टी के ‘जी 23’ समूह के नेता बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के आवास पर बैठक करेंगे. सूत्रों ने बताया कि ‘जी23’ समूह के नेताओं ने कई ऐसे कांग्रेस को नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो इस समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन वे महसूस करते हैं कि पार्टी में बदलाव जरूरी है. यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब इस समूह के प्रमुख सदस्य सिब्बल ने एक साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा है कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़कर किसी दूसरे नेता को मौका देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह ‘घर की कांग्रेस’ नहीं, बल्कि ‘सबकी कांग्रेस’ चाहते हैं. कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के सदस्य सिब्बल ने यह टिप्पणी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दो दिनों बाद की. सिब्बल ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर न होते हुए भी अध्यक्ष हैं, जो सभी निर्णय लेते हैं. उन्होंने सीडब्बल्यूसी का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा नामित इकाई उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें पार्टी की कमान नहीं संभालनी चाहिए. सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं ‘सबकी कांग्रेस’ के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगा.’’
कपिल सिब्बल के बयान पर कई नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
कपिल सिब्बल की इस टिप्पणी के बाद गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास रखने वाले नेताओं ने उन पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भाषा बोल रहे हैं. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने सिब्बल की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस और भाजपा क्यों चाहते हैं कि नेहरू-गांधी नेतृत्व से अलग हो? क्योंकि गांधी परिवार के नेतृत्व के बिना कांग्रेस, जनता पार्टी बन जाएगी. इस तरह से कांग्रेस को खत्म करना आसान होगा और फिर से आइडिया ऑफ इंडिया (भारत के विचार) को खत्म करना आसान होगा. कपिल सिब्बल यह जानते हैं, लेकिन वह आरएसएस और भाजपा की भाषा क्यों बोल रहे हैं?’’
कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
आपको बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली इस समूह से खुद को अलग कर चुके हैं और इसके दो अन्य सदस्य जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं.
इसे भी पढे़ं: कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने की दी सलाह, बोले- अब वक्त आ गया है कि घर की जगह, सब की हो कांग्रेस
इसे भी पढे़ं: कांग्रेस की बैठक में राहुल के सवाल से चौंक गए कांग्रेस नेता, पूछा- यहां कौन-कौन पीता है? सिद्धू ने दिया ये जवाब