भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा के भिवानी में कहा किसान आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है, इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. उनके इस ऐलान का अब पार्टी के मीडिया सलाहकार सौरभ उपाध्याय ने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि कुछ न्यूज एजेंसी व चैनल यह खबर चला रहे हैं कि जी 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करेंगे. हम इसका खंडन करते हैं.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि किसान चाहता है कि 26 जनवरी को अपने गांव की सड़कों पर ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर मार्च करे. इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उनके अलावा भारतीय किसान यूनियन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी ऐसी खबरों का खंडन किया गया है. इसमें लिखा है, ‘कुछ न्यूज चैनल गलत जानकारी के कारण खबर चला रहे है कि चौधरी राकेश टिकैत जी ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर पिछले वर्ष 26 जनवरी की तर्ज पर इस बार भी किसान चाहता है कि वह अपने गांव की सड़कों पर ट्रैक्टर मार्च करें.’
कुछ न्यूज़ एजेंसी व चैनल यह खबर चला रहे हैं कि @RakeshTikaitBKU जी 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करेंगे।हम इसका खंडन करते हैं।
उन्होंने कहा है कि किसान चाहता है कि 26 जनवरी को अपने गांव की सड़कों पर ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर मार्च करे।इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
— Saurabh Upadhyay (@SaurabhBKU) January 2, 2022
कुछ न्यूज़ चैनल गलत जानकारी के कारण खबर चला रहे है कि चौ.राकेश टिकैत जी ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है।
राकेश टिकैत जी ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर पिछले वर्ष 26 जनवरी की तर्ज पर इस बार भी किसान चाहता है कि वह अपने गांव की सड़कों पर ट्रेक्टर मार्च करें। pic.twitter.com/VjP5HJ5kqT— Bhartiya kisan Union (@OfficialBKU) January 2, 2022
15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की होगी बैठक
रविवार को भिवानी में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘अभी पूरी तरह मुकदमे वापिस नहीं हुए हैं. 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे. आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है.’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर विभाग का निजीकरण करके बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है. संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दे को लेकर गम्भीर है और अब पीछे हटने वाले नहीं हैं.
’13 महीने तक चला आंदोलन थी किसानों की ट्रेंनिंग’
आंदोलन को लेकर टिकैट ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर 13 महीने तक चला आंदोलन तो किसानों की ट्रेंनिंग थी. उन्होंने कहा कि अब हमें पता चल गया है कि सरकार ने अगर मांगें नहीं मानी तो हम जानते हैं कि जनवरी में और जून में आंदोलन कैसे करना है. किसान नेता ने सरकार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार नहीं मानती है तो अब हम लाल किला नहीं नए संसद भवन पहुचेंगे. इसके अलावा टिकैट ने कहा कि यह सरकार दूध के दाम सस्ते करने को लेकर भी कोई समझौता करने वाली है. हम उसका भी विरोध करेंगे.