गणतंत्र दिवस समारोह की रिहर्सल में नेवी के जवानों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लेकर कुछ नेताओं ने सियासी घमासान छेड़ दिया है. जिस वीडियो को लेकर सियासत हो रही है. उसमें नेवी के जवान हंसते-मुस्कुराते दिख रहे हैं. हालांकि कुछ नेताओं को सेना की मुस्कुराहट रास नहीं आई. इसलिए बिना सोचे-समझे, बिना सच जाने, सिर्फ और सिर्फ सियासत के लिए इन जवानों की खुशी और उसकी वजह पर भी सवाल उठा दिए.
देश की शान, संस्कृति और शौर्य को समेटे गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल में तीनों सेनाओं के जवानों के कदमताल से राजपथ गूंज रहा है. देशभक्ति के माहौल के बीच नेवी के बैंड की ओर से बजाई गई एक धुन का वीडियो भी वायरल हो रहा है. बैकग्राउंड में राष्ट्रपति भवन है और नेवी के जवान मशहूर बॉलीवुड सॉन्ग मोनिका ओ माई डार्लिंग की धुन पर थिरकते दिख रहे हैं. जवानों के रिहर्सल का यह वीडियो काफी लोगों को पसंद आया, जिसे MyGovIndia के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया.
क्या बोले विपक्षी नेता?
हालांकि जोश से भरे नेवी के जवानों का वीडियो कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे. TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने लिखा- सेना के सम्मान को ताक पर रख दिया गया है. सशस्त्र सेनाओं पर मोदी-शाह की सोच ने कब्जा कर लिया है. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने लिखा, ‘इस गणतंत्र दिवस पर ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’. अगले स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर क्या होगा?’ वहीं, आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम मेंबर कपिल और आरजेडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी वीडियो पर निशाना साधा गया.
What a sight! This video will definitely give you goosebumps!
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आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बताया, ‘परेड में जिस तरह फूहड़ गाने को दिखाया गया, मोनिका ओ डॉर्लिंग, लग रहा है कि इस सरकार ने गणतंत्र दिवस को मजाक बना दिया है. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘एबाइड विथ मी गांधी जी का प्रिय संगीत था. 1847 में एक स्कॉटिस कवि ने रचना की थी. उसको छोड़कर अगर मोनिका ओ माइ डार्लिंग बजाया जाएगा, तो दुखद बात होगी. बहुत दुखद बात है. शर्मनाक बात है. केंद्र सरकार को ये करना नहीं चाहिए था. ये गांधी जी का अपमान है. देश के जवानों का भी अपमान है. ये करना नहीं चाहिए. दरअसल, ये धुन गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं है. ये सिर्फ अभ्यास का हिस्सा है, जो ठंड के मौसम में जवानों को वार्मअप करने के लिए बजाई गई थी. क्योंकि जवान यूनिफॉर्म में जमीन पर बैठ नहीं सकते. उन्हें लगातार कई घंटे तक खड़े रहना पड़ता है.
नेवी बैंड की धुन पर घमासान क्यों?
करीब 40-45 दिन तक एक ही बैंड और गानों को बजा रहे होते है. इसलिए रिहर्सल के बीच ब्रेक के दौरान उनका उत्साह बनाए रखने के लिए, वार्मअप करने के लिए फिल्मी गानों की धुनें बजाई जाती हैं और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जब फिल्मी धुनों पर जवान थिरके हों. जिस गाने पर इस बार हो-हल्ला हो रहा है, उसकी धुन पर पिछले साल भी जवान झूमते दिखे थे. लेकिन तब सियासी शोरगुल नहीं हुआ था. क्योंकि तब चुनाव नहीं थे. यही वजह है कि सवाल उठाने वाले विपक्षी नेता खुद ही कटघरे में हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता बीजेपी प्रेम शुक्ला ने बताया, ‘सिद्ध होता है कि ना केवल उनको फिरंगी नेतृत्व पर विश्वास है, बल्कि भारत, भारतीयता और भारतीय धुनों से उनके मन में गहरी नफरत है और इसका प्राकट्य समय-समय पर होता रहता है.’ कुल मिलाकर नेवी के जवानों के वीडियो पर सियासी हंगामा हुआ. विपक्ष के नेताओं ने उसके बहाने सरकार पर वार किया और बीजेपी ने पलटवार किया. लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है. क्योंकि फिक्र ये है कि क्या सवाल उठाने वाले नेता हमारे जांबाज जवानों को आम इंसान नहीं समझते हैं. क्या वो उन्हें सिर्फ एक मशीन समझते हैं, जो हमेशा बंदूक लेकर युद्ध के लिए और शहीद होने के लिए तैयार रहे. क्या वो कभी हंस नहीं सकते, रिलैक्स होने के लिए म्यूजिक नहीं सुन सकता?
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